न्यूमोनिया एक खतरनाक बीमारी है जिसके चलते दुनिया भर में हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है. न्यूमोनिया के कई लक्षण होते हैं, जैसे सीने में तकलीफ, सांस लेने में दुश्वारी, जोरदार खांसी, गले में दर्द, थकावट का एहसास और बुखार इत्यादि. बच्चों और बुजुर्गों के लिए बीमारी से लड़ना मुश्किल हो जाता है क्योंकि उनका रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर होता है.


न्यूमोनिया के कारण
न्यूमोनिया किसी वायरस या बैक्टीरिया की वजह से होता है. ये खुद संक्रामक रोग नहीं है बल्कि उसके रोगजनक किसी दूसरे शख्स को संक्रमित कर सकते हैं. किसी वायरस के नतीजे में न्यूमोनिया होने पर ये रोगजनक में तब्दील हो जाता है और ऐसी परिस्थिति में गंभीर शक्ल अपना लेता है. धूम्रपान की आदत भी न्यूमोनिया होने की वजह बनती है. न्यूमोनिया का मुकाबला एक सेहतमंद इंसान आसानी से कर सकता है.


न्यूमोनिया के लक्षण
न्यूमोनिया आम तौर से नजला या एनफलुएंजा से शुरू होता है, जिसके बाद बीमारी का फेफड़ों में पहुंचने की आशंका होती है. अगर न्यूमोनिया किसी वायरस की वजह से हुआ है तो शुरुआती दिनों में इसके लक्षण एनफलुएंजा जैसे होंगे. उसके बाद खांसी में इजाफा होता है और बलगम बढ़ जाता है. बुखार में भी बढ़ोतरी होती है और सांस लेने में दुश्वारी शुरू हो जाती है. बैक्टीरिया से होनेवाला न्यूमोनिया शरीर के तापमान में इजाफा करता है, जिसकी वजह से पसीना ज्यादा आता है. ठीक उसी तरह सांस लेने में परेशानी भी होने लगती है. डॉक्टर शुरू में सीने का एक्सरे कराने का सुझाव देते हैं जिससे फेफड़ों के बारे में सही जानकारी सामने आ सके.


न्यूमोनिया की रोकथाम
बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन लगाने की सलाह दी जाती है और ये सबसे प्रभावी उपाय समझा जाता है. न्यूमोनिया अक्सर एनफलुएंजा की वजह से होता है, इसलिए हर साल फ्लू की वैक्सीन इस्तेमाल करना ही बीमारी से बचाव का बेहतरीन हल है. वायरस के नतीजे में होनेवाले न्यूमोनिया के लिए एंटी वायरस दवाइयां बताई जाती हैं.