नई दिल्लीः दुनियाभर में कोरोना काल में महामारी से लड़ने के लिए डॉक्टरों को सबसे बड़ा योद्धा माना जा रहा है. वहीं यूनाइटेड किंगडम में सिख समुदाय के कुछ डॉक्टर्स को दाढ़ी होने के कारण उनकी सामान्य शिफ्ट से हटा दिया गया था, जिसके बाद इस पर काफी चर्चा हुई. वहीं अब ब्रिटेन में एक रिसर्च टीम कोरोना काल में डॉक्टरों को बचाने के लिए 'सिंह थथा' पर परीक्षण कर रही है.


दरअसल, यूनाइटेड किंगडम में कोरोना काल में मरीजों की देखरेख कर रहे सिख समुदाय के कुछ डॉक्टर्स को उनकी सामान्य शिफ्ट से हटा दिया गया था. इसके पीछे उनकी दाढ़ी को वजह बताया गया था.


यूके की सिख डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना था कि कोरोना काल में मास्क पहनना अनिवार्य है. वहीं सिख अपनी दाढ़ी की वजह से मास्क सही से मुंह को कवर नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में उनसे दाढ़ी को कटाने की बात कही गई. वहीं धर्म से जुड़ा मामला होने के कारण सिखों ने दाढ़ी को हटाने से मना कर दिया था.


वहीं अब यूके रिसर्च टीम ने दाढ़ी रखने वाले डॉक्टर्स की समस्या का समाधान निकालने के लिए 'सिंह थथा' पर परिक्षण शुरु कर दिया है. दरअसल, सिख समुदाय के लोग 'सिंह थथा' का इस्तेमाल अपनी दाढ़ी को कवर करने के लिए काफी समय से करते आ रहे हैं.


बता दें कि विश्व में अब तक 5 करोड़ से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 13 लाख से ज्यादा लोगों की मौत संक्रमण के कारण हुई है. वहीं कोरोना संक्रमण से प्रभावित देशों की सूची में यूनाइटेड किंगडम सातवें पायदान पर है. यहां अभी तक 13 लाख 90 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिसमें से अभी तक 52 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.


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