नई दिल्लीः यूं तो लंबे समय तक बैठे रहना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता. इससे कमर दर्द से लेकर मोटापे तक की समस्या बढ़ जाती है लेकिन एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि लंबे समय तक बैठे रहने से याददाश्त भी जा सकती है. जानिए, क्या कहती है ये हैरान कर देने वाली रिसर्च.
क्या कहती है रिसर्च-
भारतीय मूल के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर की गई इस रिसर्च में पाया गया है कि अधेड़ उम्र के लोग यदि लंबे समय तक बैठे रहते हैं तो उनकी याददाश्त खोने का खतरा बढ जाता है.
किन लोगों पर की गई रिसर्च-
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफार्निया के शोधकताओं की ये रिसर्च ‘पीएलओएस वन’ जर्नल में पब्लिश हुई. रिसर्च में 45 से 75 साल की उम्र के 35 लोगों को इसमें शामिल किया.
कैसे की गई रिसर्च-
रिसर्च में प्रतिभागियों से शारीरिक गतिविधियों के स्तर और वे रोजाना कितने घंटे बैठते हैं, इस बारे में जानकारी मांगी गई. साथ ही हर व्यक्ति का हाई रिजुलेशन वाला एमआईआर स्कैन किया गया जो ‘मेडियल टैम्पोरल लॉब’ (एमटीएल) के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराता है. एमटीएल दिमाग का एक ऐसा हिस्सा है जहां नई याददाश्त इकट्ठी होती है.
रिसर्च के नतीजे-
शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिक बैठने से एमटीएल पतला हो सकता है. लंबे वक्त तक बैठने के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए अधिक शारीरिक गतिविधियां भी नाकाफी हैं. एमटीएल का पतला होना सोचने - समझने की क्षमता के कम होने का संकेत हो सकता है और इससे बुर्जुगों की याददाश्तोकम होने का खतरा बढ़ जाता है.
ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.