Long Sitting Side Effects And Their Prevention: ऑफिस के काम में घंटो बैठे रहना मजबूरी है. कुछ लोग एक बार काम करने बैठते हैं और फिर घंटो तक जमे ही रहते हैं. इस लॉन्ग सिटिंग की आदत के चलते कंधे और कमर में दर्द शुरू हो जाता है. ये एक आम परेशानी है लेकिन क्या आप जानते हैं लॉन्ग सिटिंग आपको फिजिकली जितनी तकलीफ देती है उतनी ही परेशानी मेंटली भी देती है. न्यूयॉर्क के ग्लोबल वेलबीइंग लीड ने इस से जुड़ी एक रिसर्च की है. रिसर्च में ही लॉन्ग सिटिंग से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य उभर कर आए हैं. बैठे रहने के एक नहीं कई नुकसान. इससे रीढ़ की हड्डी पर तो असर पड़ता ही याददाश्त कमजोर होने का भी डर होता है. जानिए कितनी देर बैठे रहना है सही.

 

ये होते हैं नुकसान

ग्लोबल वेलबीइंग लीड के माइलार्ड हावेल ने इस संबंध में बताया कि कम से कम तीन घंटे खड़े रहना जरूरी होता है. खड़े रहने से ब्लड शुगर का लेवल भी कम रहता है. स्ट्रेस कम होता है. बैक और शोल्डर का फटीग कम होता है. इसके अलावा न्यूरल एजिंग कम होती है. क्योंकि, खड़े रहने से टेम्पोरल लोब का बिगड़ने का डर कम होता है. दिमाग का यही हिस्सा मेमोरी स्टोर करके रखता है. खड़े रहने से सिर से लेकर पैर तक का ब्लड सर्कूलेशन भी ठीक रहता है. 

 

क्या करना चाहिए?

ऑफिस का काम एक जगह बैठ कर करना मजबूरी है. लेकिन स्मॉल  ब्रेक लेने से किसने रोका है. एक जगह बैठ कर काम मन लगाकर करें. पर, हर आधे घंटे में दो मिनट के लिए अपनी जगह से उठना न भूलें. ऐसा करने से ब्लड का संचार फिर ठीक से होने लगता है और पूरे शरीर का फटीग कम होने से काम करने की एनर्जी बढ़ जाती है.