स्लीप एपनिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी सांस सोते समय कुछ देर के लिए रुक जाती है. इस दौरान शरीर को पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाता. सांस टूटने से आंख खुलती है और उठते ही तेजी से हंफनी होने लगती है. अगर उसे लंबे समय तक इलाज के बिना छोड़ दिया जाए, तो ये बहुत खतरनाक हो सकता है. ज्यादातर मामलों में लोग बेखबर होते हैं कि उन्होंने सांस लेना बंद कर दिया है. बिना पर्चे के आप कुछ घरेलू इलाज स्लीप एपनिया के लक्षणों को सुधारने के लिए कर सकते हैं. लेकिन उससे पहले स्लीप एपनिया के प्रमुख रिस्क फैक्टर क्या हैं और कैसे ये प्रभावित करता है, जानिए.
स्लीप एपनिया के रिस्क फैक्टर- पुरुष होना, ज्यादा वजनी होना, 40 वर्ष पार का होना, पुरुषों में 17 इंच या ज्यादा और महिलाओं में 16 इंच या ज्यादा गर्दन की आकार का होना, लंबी जुबान, जबड़े की छोटी हड्डी, परिवार में किसी का स्लीप एपनिया की हिस्ट्री या साइनस प्रमुख रिस्क फैक्टर हैं.
प्रभाव- इलाज के बिना छोड़ने पर ये स्वास्थ्य की समस्याओं जैसे स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, हार्ट फेल्योर, डायबिटीज, डिप्रेशन, सिर दर्द के जोखिम को बढ़ा सकता है.
लाइफस्टाइल- स्लीप एपनिया का घरेलू इलाज अधिक वजन होने को देखते हुए किया जाता है. स्लीप एपनिया से पीड़ित लोगों को डॉक्टर अक्सर नियमित व्यायाम का हेल्दी डाइट के साथ सुझाव देते हैं. जैसे ही वजन कम होता है, स्लीप एपनिया के लक्षण दूर होने लगते हैं या कम होते हैं. मोटापा वायुमार्ग में रुकावट और नाक की तंग नली का जोखिम बढ़ा सकता है. ये बाधा सोते समय अचानक आपकी सांस को रोक सकती है. हेल्दी वजन को बनाए रखकर आप वायुमार्ग को साफ रख सकते हैं और स्लीप एपनिया के लक्षणों को कम कर सकते हैं.
सोने के तरीके- सोने के तरीके में मामूली बदलाव स्लीप एपनिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है और आपकी रात की नींद को सुधारता है. स्लीप एपनिया ज्यादा आम उन लोगों में है जो अपनी पीठ के बल सोते हैं. नींद के दौरान, आपके सभी मसल आराम करते हैं और शिथिल हो जाते हैं. शरीर की स्थिति और स्लीप एपनिया के लक्षणों पर अपने डॉक्टर से चर्चा करें ताकि इलाज के विकल्प का मूल्यांकन किया जा सके.
योग- नियमित व्यायाम आपके एनर्जी लेवल को बढ़ा सकता है, दिल को मजबूत कर सकता है और स्लीप एपनिया को सुधार सकता है. योग के कई अभ्यास सूजन को कम करने में मददगार और वायुमार्ग को खोलते हैं. यौगिक ब्रीथिंग जिसे अक्सर प्राणायाम कहा जाता है, स्लीप एपनिया को कम करने में मददगार हो सकता है. ब्लड में ऑक्सीजन लेवल की कमी से स्लीप एपनिया का संबंध जुड़ता है.
Disclaimer: इस लेख में बताई विधि, तरीकों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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