'एग्जाम' में रातभर जागने की न करें गलती, जानिए अच्छी नींद लेना क्यों है जरूरी?
ऐसे लोगों की संख्या बहुत बड़ी है, जो सोने को अपनी सेहत का जरूरी हिस्सा नहीं मानते. उन्हें लगता है कि वे नींद पूरी नहीं करेंगे तो कोई आफत नहीं आएगी. जबकि ऐसा सोचना पूरी तरह से गलत है.

Why Sleep Is Important Before Exams: हर स्टूडेंट की लाइफ में एग्जाम को लेकर टेंशन और स्ट्रेस रहना कॉमन बात है. क्योंकि उनपर अच्छा परफॉर्म करने का प्रेशर रहता है. वे चाहते हैं कि उनके अच्छे मार्क्स आएं. हालांकि कई स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं, जो एग्जाम से एक रात पहले सोने को तरजीह नहीं देते और लास्ट मूमेंट तक अपना सिलेबस ही रिवाइज़ करते रहते हैं. ऐसे लोगों की संख्या बहुत बड़ी है, जो सोने को अपनी सेहत का जरूरी हिस्सा नहीं मानते. उन्हें लगता है कि वे नींद पूरी नहीं करेंगे तो कोई आफत नहीं आएगी. जबकि ऐसा सोचना पूरी तरह से गलत है.
अधिकतर बच्चे एग्जाम के दौरान रात-रात तक जागकर पढ़ाई करते हैं. उन्हें लगता है कि सिलेबस का रिविजन होना जरूरी है, लेकिन नींद का पूरा होना नहीं. क्योंकि नींद तो कभी-भी पूरी की जा सकती है. क्या आप जानते हैं कि एग्जाम से एक दिन पहले सोना कितना जरूरी होता है? आइए जानते हैं क्यों...?
अच्छी नींद लेना क्यों जरूरी?
1. नींद की जरूरत व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करती है. जैसे एक छोटे बच्चे को ज्यादा नींद लेने की आवश्यकता होती है. जबकि एक वयस्क के लिए औसतन 8-9 घंटे की नींद अच्छी मानी जाती है. अच्छी नींद लेने से आपको पूरे दिन एक्टिव रहने में मदद मिलती है.
2. अच्छी नींद लेने से शरीर में ब्लड शुगर का लेवल, इंसुलिन लेवल, कोलेस्ट्रॉल, लेप्टिन, घ्रेलिन और कोर्टिसोल लेवल जैसे हार्मोन स्टेबल रहते हैं. ये हार्मोन शरीर के सभी कार्यों के लिए जरूरी होते हैं.
3. नींद की कमी लेप्टिन हार्मोन को दबा देती है और घ्रेलिन (भूख हार्मोन) को एक्टिव कर देती है. जिसकी वजह से व्यक्ति को ज्यादा भूख महसूस होती है. वह ज्यादा मीठा और नमकीन भोजन करता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना तेज हो जाती है.
4. जब ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज नहीं किया जाता और इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है, तो कम उम्र में ही डायबिटीज का खतरा पैदा हो सकता है.
5. नींद की कमी की वजह से कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है, जिससे शरीर में सूजन की समस्या पैदा होती है. सूजन की वजह से बार-बार इन्फेक्शन होता है और इम्यूनिटी भी कम हो जाती है, जिससे जल्दी बीमार पड़ने का खतरा मंडराने लगता है और एग्जाम के दौरान बीमार पड़ने का असर बच्चे के प्रदर्शन पर पड़ता है.
6. कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ लेवल बच्चे की याद करने की क्षमता को कमजोर कर सकता है यानी बच्चे ने जो कुछ भी पढ़ा होता है, वो भुला जाता है. ऐसे में उसमें चिंता, घबराहट और तनाव की समस्या पैदा होती है.
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