Sleep Paralysis: खराब खानपान और लाइफस्टाइल का सीधा असर सेहत पर पड़ता है. वर्क लोड, शारीरिक और मानसिक समस्याओं के कारण कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. स्लीप पैरालिसिस इन गंभीर बीमारियों में से एक है. ऐसे में सबसे जरूरी है कि स्लीप पैरालिसिस के लक्षण और कारण को जानें. 


इन दिनों स्ट्रेस और गंभीर बीमारी के कारण गंभीर रूप से सेहत बिगड़ने लगता है. जिसके कारण कई तरह के स्लीप डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं. स्लीप पैरालिसिस एक गंभीर समस्या है. जिसके कारण इन दिनों लोग परेशान होने लगते हैं. स्लीप पैरालिसिस से जुड़ी जरूरी बातें बताएंगे. 


क्या है स्लीप पैरालिसिस?


स्लीप पैरालिसिस लक्षण दिखने पर शरीर पर कुछ ऐसा असर होता है. अगर आप बिस्तर से उठ नहीं पा रहे हैं. लाख कोशिश के बाद भी अगर आप बिस्तर से हिल नहीं पा रहे हैं. अगर आपने यह महसूस किया है तो स्लीप पैरालिसिस कहते हैं.  स्लीप पैरालिसिस के लक्षण नींद में जागने, उठने और बोलने में दिक्कत होती है. इस दौरान व्यक्ति को होश नहीं आता है. शरीर हिल तक नहीं पाता है. गहरी नींद और नींद खुलने पर भी समस्या होती है. 


स्लीप पैरालिसिस के कारण क्या है?


सभी उम्र के बच्चों को वयस्कों को स्लीप पैरालिसिस की दिक्कत हो सकती है. आइए जानें इसके कारण.


अनिद्रा


नार्कोलेप्सी


एंजाइटी डिसऑर्डर


डिप्रेशन


बाइपोलर डिसऑर्डर


पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेल डिसऑर्डर (पीटीएसडी)


स्लीप पैरालिसिस के लक्षण क्या हैं?


बोलने और शरीर हिलाने में दिक्कत होती है उसमें भी दिक्कत हो सकती है. 


शरीर में एनर्जी की कमी होने इसके लक्षण दिखाई देते हैं. 


कमरे में किसी व्यक्ति की मौजूदगी का अहसास होना


छाती और गले में दवाब और घुटन महसूस होना भी इस बीमारी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.


नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से नींद का चक्र बाधित हो सकता है.


अनियमित नींद का शेड्यूल: बार-बार अपनी नींद का शेड्यूल बदलने से शरीर की प्राकृतिक लय प्रभावित हो सकती है.


तनाव और चिंता: तनाव और चिंता का उच्च स्तर नींद की गुणवत्ता और पैटर्न को प्रभावित कर सकता है.


नींद संबंधी विकार: नार्कोलेप्सी जैसी स्थितियाँ स्लीप पैरालिसिस से जुड़ी होती हैं.


नींद की स्थिति: पीठ के बल सोने से स्लीप पैरालिसिस का खतरा बढ़ जाता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: Weight Loss: एक महीने में कितना वजन कम करना है सही? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती