Sleep Paralysis: क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ कि आप एक दम से सो गए और जब उठे तो अपने शरीर को हिला भी नहीं पाते हैं? या कहें शरीर के कुछ हिस्सों को हिलाना मुश्किल हो जाता है. ये बेहद ही भयानक एहसास होता है. लेकिन ये बहुत ही आम हो चला है. इसे 'स्लीप पैरालिसिस' कहते हैं. एक दम आसान भाषा से समझें तो इसका मतलब है कि नींद से उठने के बाद सपने में होने और होश में होने के अंतर को समझ नहीं पाना, जिसकी वजह से खुद को हिलाना असंभव हो जाता है. 


अगर इसको और आसान भाषा में समझा जाए, तो स्लीप पैरालिसिस का मतलब है कि आप 'स्लीप मोड' में हैं, लेकिन आपका दिमाग एक्टिव है. अमेरिका में स्थित नेशनल स्लीप फाउंडेशन का कहना है कि स्लीप पैरालिसिस के दौरान लोग होश में तो रहते हैं, लेकिन उनको मतिभ्रम और घुटन से जूझना पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि स्लीप पैरालिसिस के दौरान क्या होता है, ऐसा किसकी वजह से होता है और इसको किस तरह से ठीक किया जा सकता है? 


स्लीप पैरालिसिस के दौरान क्या होता है? 


इंसान स्लीप पैरालिसिस के दौरान जागा हुआ तो होता है, लेकिन वो खुद को हिला नहीं पाता है, न ही बोल और आंखें खोल पाता है. ऐसा लगता है कि आप कहीं फंस गए हैं. आपको बहुत ही ज्यादा डर लगने लगता है. ऐसा कई मिनट तक होता रहता है. 


स्लीप पैरालिसिस क्यों होता है? 


अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि स्लीप पैरालिसिस क्यों होता है. लेकिन इसके पीछे कई कारण छिपे हुए हैं. इसमें नींद नहीं आना, सोने के पैटर्न में बदलाव, किसी चीज को लेकर टेंशन, परिवार के लोगों का स्लीप पैरालिसिस होने का इतिहास शामिल हैं. 


स्लीप पैरालिसिस से कैसे बचें? 


आप अपनी नींद की आदतों को बदलकर स्लीप पैरालिसिस को रोक सकते हैं. हर रोज 7 से 9 घंटे की नींद लेने की कोशिश करें. हर रात लगभग एक ही समय पर बिस्तर पर जाना और हर सुबह एक ही समय पर उठना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा हर रोज एक्सरसाइज करने पर जोर दें. सोने से पहले नशा करने से परहेज करें. पीठ के बल सोएं, जिसकी वजह आपको अच्छी नींद भी आएगी.


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