Sleep Ruining Habits: खानपान और एक्सरसाइज के साथ-साथ अच्छी नींद भी स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है. अगर आप नींद पूरी नहीं लेते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. अगर आप किसी दिन थका हुआ महसूस करते हैं या आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, चिड़चिड़ापन, सर दर्द आदि की शिकायत होती है तो, या तो आपकी नींद पूरी नहीं हुई है या आप आवश्यकता से कम घंटे सो रहे हैं. हर उम्र के हिसाब से नींद लेने के घंटे भी अलग-अलग हैं. कई रिसर्च ये बात बताती हैं कि नींद की गुणवत्ता उम्र के साथ कम हो जाती है.


कोरोना काल के बाद कई युवा नींद न आने की समस्या से भी जूझ रहे हैं. इसका एक बड़ा कारण तनाव है. नींद में खलल हमारे आस पास के वातावरण और कुछ हमारी आदतों से पड़ता है. दौड़ भाग भरी इस जिंदगी में आपने देखा होगा कई लोग देर रात सोते हैं जिससे नींद आने की संभावना और कम हो जाती है. रिसर्च ये बताती है कि रात 10 से 11 के बीच सोना दिल की सेहत के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि ये सर्केडियन रिदम और दिन के उजाले के साथ अच्छी तरह से चलता है.


नींद पूरी होने या अच्छी नींद के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं. ये इम्यूनिटी में सुधार करता है, डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है, तनाव कम और मूड और फोकस बेहतर होता है.


न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने बताया कि रात की 6 से 8 घंटे की गहरी और बिना खलल के ली गई नींद शरीर के लिए फायदेमंद है. लेकिन, इन दिनों लोगों को कई ऐसी आदतें लग चुकी है जो नींद की गुणवत्ता को खराब कर रही हैं और फिर कई तरह की स्वास्थ्य परेशानियां होती हैं. जानिए उन आदतों के बारे में जो आपके नींद में खलल डालने का काम करती हैं.


सोते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल


जब आप सोते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं तो इससे निकलने वाली नीली रोशनी सर्केडियन रिदम को खराब करती है और फिर नींद की साइकिल डिस्टर्ब होती है. ये नीली रोशनी शरीर के मेलाटोनिन के उत्पादन को कम कर सकती है जो आपकी नींद और जागने के चक्र के हार्मोन को नियंत्रित करता है. मेलाटोनिन का कम होना चिड़चिड़ापन, दिन के समय नींद आना आदि का कारण बन सकता है.


सोने से पहले खूब खाना


खाने के तुरंत बाद कभी भी सोना नहीं चाहिए. कोशिश करें कि आप खाने और सोने के बीच एक से डेढ़ घंटे का गैप रखें. अगर आप खाना खाकर तुरंत सो जाते हैं तो इससे हमारा शरीर खाने को पचाने में अंदर से एक्टिव रहता है जिससे आप लगातार करवट बदलेंगे और नींद डिस्टर्ब होगी. 


कैफीन का अंधाधुन सेवन


कॉफी का सेवन फायदेमंद है. यह 24 घंटे तक शरीर में ऊर्जा बनाए रखती है. लेकिन, अगर इसका ज्यादा सेवन किया जाए तो ये नींद की गुणवत्ता या नींद न आने का कारण बन सकती है.


धूप में न बैठने की आदत


जब आप खुद को धूप से वंचित करते हैं तो मेलेनिन की खपत कम हो जाती है जो शरीर में मेलाटोनिन बनाता है. अगर मेलाटोनिन कम होता है तो फिर नींद आने में परेशानी होती है.


तनाव


तनाव का उच्च स्तर नींद को खंडित करता है. नींद पूरी न होने की वजह से ये हमारे शरीर के तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली को ट्रिगर करता है जिससे तनाव हार्मोन, कोर्टिसोल में वृद्धि होती है जो नींद को और बाधित करता है.


अक्सर लोग इन आदतों को हल्के में लेते हैं लेकिन, लंबे समय तक अगर आपको ये आदतें रहती हैं तो कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. इसलिए जरूरी है आप समय रहते हैं इन्हें सुधारें और अच्छी और गुणवत्ता वाली नींद लें.


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