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Sleeping In Swing: क्या आप अपने बच्चों को झूले में सुलाते हैं, अगर हां तो ये बातें जान लेना है जरूरी, रूक सकता है बच्चे का विकास
Health Tips:क्या आप जानते हैं कि बच्चों को झूले में सुलाना उनके लिए खतरनाक हो सकता हैं. जी हां आपने सही पढ़ा, बच्चों को झूले में सुलाने की जगह समतल जमीन पर सुलाना चाहिए.
Baby Sleeping In Swing: अपने बच्चों को सुलाने के लिए ज्यादातर पैरेंट्स झूले का इस्तेमाल करते हैं. बच्चे भी झूला झूलते झूलते बड़ी ही आसानी से सो जाते हैं. बच्चों को झूला झूलना पसंद होता है और पेरेंट्स भी बच्चों को सुकून से झूले में सुलाकर अपना काम आसानी से कर पाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों को झूले में सुलाना उनके लिए खतरनाक हो सकता हैं. जी हां आपने सही पढ़ा, बच्चों को झूले में सुलाने की जगह समतल जमीन पर सुलाना चाहिए. डॉक्टर्स भी बच्चों को झूले में न झुलाने की सलाह देते हैं. दरअसल झूले में सोते समय बच्चे का सिर आगे की तरफ झुक सकता है जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. सोने की सही पोजीशन न होने के कारण बच्चों को सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम (SIDS) की समस्या भी हो सकती है. चलिए जानते हैं झूले में बच्चों को सुलाने का क्या नुकसान हो सकते हैं.
झूले में सुलाने के नुकसान
1.शारीरिक विकास में खतरा
झूले में बच्चों को आप बिठा सकते है क्योंकि सुलाने से उनकी दूसरी एक्टिविटीज रूक जाती हैं जिससे उनका विकास भी रूक सकता है. इसलिए समतल बिस्तर पर सुलाएं जिससे वे चलना भी सीखेंगे.
2.मांशपेशियों का कमजोर होना
जब शरीर में कोई गतिविधि ही नहीं होगी तो मांशपेशियां कमजोर होने लग जाएँगी. मांशपेशियां कमजोर होने के चलते बच्चे अपनी गर्दन ठीक से उठा नहीं पाते. वहीं सपाट जगह पर सुलाने से बच्चा गर्दन का सहारा ले पाता है.
3.घुटन होती है महसूस
बच्चों को आप जब झूले पर सुलाते हैं तो उनका नेक मूवमेंट बहुत कम होता है जिससे उन्हें घुटन की समस्या हो सकती है. इसलिए लिए कुछ वक्त तो भले ही आप बच्चों को झूले पर सुला सकते हैं लेकिन लंबे वक्त तक उन्हें झूले में न सुलाएं.
4.खट्टी डकार
झूले पर सोते समय कई बार बच्चा पेट के बल लेट जाता है और जब वे इस स्थिति में लंबे समय तक रहता है तो उसे खट्टी डकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
5.प्लेगियोसेफली पोजिशनल प्रोब्लम
झूले पर एक ही एक जगह लेटे रहने से बच्चे को प्लेगियोसेफली पोजिशनल की समस्या हो सकती है. ऐसी कंडीशन में बच्चा गर्दन का मूवमेंट नहीं कर पाता . उसके शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम और कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल ज्यादा हो जाता है जिससे उसकी सारी गतिविधियां रूकने लग जाती हैं.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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