Less Sleep Heart Attack: एक नए अध्ययन में सामने आया है कि दिन में 7 से 8 घंटे से कम सोना आपके दिल को खतरे में डालता है. सात से आठ तक सोना पीएडी के खतरे को कम करने के लिए एक अच्छी आदत है. एक अच्छी लाइफ जीने के लिए भरपूर नींद की काफी जरूरत होती है. अक्सर आपने खुद में महसूस किया होगा कि जब आप रात में देर रात तक जगते हैं और सुबह जल्दी उठते हैं तो सिर भारी रहता है और शरीर में काफी थकान महसूस होती हैं. बॉडी का एनर्जी लेवल एकदम डाउन हो जाता है. इसीलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स भी लोगों को 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं.
7 से 8 घंटे से कम सोना आपके दिल के लिए है खतरे की घंटी
अगर आप रोजाना सिर्फ 5 या 6 घंटे की नींद ले रहे हैं तो इसका सीधा असर आपके दिल तक पहुंचता है. जी हां एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि रोजाना 5 घंटे से कम सोने वाले लोगों में हाथ और पैरों की धमनियां सिकुड़ जाती है. यह एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षणों में से एक है, जिसमें वसा जमा होने के कारण पैरों और बाहों में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है. आम पीएडी के लक्षण निचले पैर में सुन्नता या ठंडक, पैरों में कमजोर नाड़ी, कूल्हों में दर्दनाक ऐंठन, पैरों में त्वचा के रंग में बदलाव, पैरों पर घाव जो पूरी तरह से ठीक नहीं होते हैं.
कम सोने से हो सकता है शरीर को नुकसान
अध्ययन में सामने आया है कि दुनिया में 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को पीएडी है. रात में पांच घंटे से कम सोना पीएडी के लगभग दोगुने खतरे से जुड़ा है. 53,416 लोगों में कम घंटे सोने से पीएडी का खतरा बढ़ गया. परिणाम बताते हैं कि रात के समय कम नींद पीएडी के विकास की संभावना को बढ़ा सकती है, और पीएडी होने से अपर्याप्त नींद लेने का खतरा बढ़ जाता है. देर रात तक जागते रहना, इंटरनेट ब्राउज़ करना, देर तक काम करना और सुबह देर तक सोना कई लोगों की आदत बन गई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कम नींद और देर से सोने की आदतों के खिलाफ लगातार चेतावनी देते रहे हैं क्योंकि ये ऐसे में दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है.
क्या लंबे समय तक सोना समाधान है?
नहीं, अध्ययन ने लंबी नींद पर भी निष्कर्ष निकाला, इसमें पाया गया कि 8 घंटे से अधिक सोने से पीएडी का खतरा 24% बढ़ जाता है. इस प्रकार फिर से पर्याप्त रूप से सोने पर जोर दिया गया. यह ध्यान रखें कि आप दिन में 7 से 8 घंटे सो रहे हैं, नींद की उचित आदतें विकसित करना सुनिश्चित करें जैसे सोने के समय से कम से कम एक घंटे पहले गैजेट बंद करना, सोने से एक घंटे पहले भोजन करना, सोने से पहले किताब पढ़ने या ध्यान लगाने की कोशिश करें. शाम के बाद चाय या कॉफी का सेवन न करें क्योंकि ये आपको देर तक जगाए रख सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.