Sleeping Habbit:क्या आपको भी रात में लाइट ऑन करके सोने की आदत है? अगर हां तो यह खबर आपके लिए है क्योंकि ऐसा करना आपको बड़े जोखिम में डाल सकता. स्वास्थ्य से जुड़ी आपको कई समस्याएं हो सकती है. अध्ययन में पाया गया है कि इससे शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं.फिनबर्ज स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर्स ने रिसर्च में पाया कि एक रात भी सामान्य लाइट में आप सोते हैं तो ग्लूकोज और कार्डियोवैस्कुलर रेगुलेशन में गड़बड़ी पैदा होती है, जो हार्ट डिजीज डायबिटीज और अन्य मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम के कारक बन सकते हैं.
हार्ट डिजीज का खतरा- स्टडी में पाया गया है कि आर्टिफिशियल रोशनी सिंपैथेटिक आर्म और इम्यून नर्वस सिस्टम को सक्रिय कर देती है, यह दोनों चीजें शरीर में बाहरी आक्रमण से लड़ने के जिम्मेदार है.यह शरीर को कूल बनाता है, ताकि रात में सुकून से नींद आए, लेकिन जब यह चीजें सक्रिय हो जाती है तो नींद प्रभावित होती है. इससे कार्डियोवैस्कुलर फंक्शन पर असर पड़ता है.अध्ययन के मुताबिक इन सब का परिणाम यही होता है कि शरीर में क्रॉनिक डिजीज का खतरा बढ़ जाता है.लाइट के प्रभाव से स्कार्डियन रिदम पहले से बिगड़ जाता है शरीर का मास्टर क्लॉक बिगड़ जाता है. इससे ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता है.
मोटापा-महिलाओं पर किए गए एक शोध में पाया गया है कि टीवी या लाइट जला कर सोने वाले लोगों में मोटापे का जोखिम उन लोगों की तुलना में ज्यादा था, जो लोग लाइट बंद करके सोते थे.
डायबिटीज-एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि रात में लाइट जलाकर सोए लोगों में जब सुबह जांच किया गया तो इंसुलिन प्रतिरोधी बढ़ा था, इंसुलिन प्रतिरोधी उस स्थिति को कहते हैं जब मांस पेशियां पेट और लिवर इंसुलिन से उचित प्रतिक्रिया नहीं करता है और शरीर को ऊर्जा देने के लिए ब्लड ग्लूकोस का इस्तेमाल कम हो जाता है, या हो ही नहीं पाता है. इस स्थिति से निपटने के लिए पैंक्रियास को ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है. इस कारण समय के साथ ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है.
डिप्रेशन- स्टडी के मुताबिक रात को लाइट जलाकर सोने से डिप्रेशन का जोखिम बढ़ सकता है इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली नीली रोशनी आपके मोड पर सबसे बुरा प्रभाव डालती है नाइट नींद की कमी से संबंधित है जो मोड सिंह और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.