नई दिल्लीः क्‍या आप भी स्मार्टफोन आसपास ना होने पर परेशान हो जाते हैं? क्या आपको मोबाइल के बिना एंजाइटी होने लगती है? अगर हां, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है.


जी हां, हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है जिसके मुताबिक, फोन से दूर होने पर वाली एंजाइटी आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है.


क्या है नोमोफोबिया-
अगर आपका कनेक्शन लॉस्ट हो जाता है या आप मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पाते या किन्हीं वजहों से आप मेाबाइल से दूर हो जाते हैं और आपको घबराहट होने लगती है या आप एंजाइटी महसूस करने लगते हैं तो ये सिचुएशन ‘नोमोफोबिया’ कहलाती है.


नोमोफोबिया टीनेजर्स और युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है. इस टर्म को पैनिक और स्ट्रेस से जोड़कर देखा गया है.


स्मार्टफोन की जरूरत-
साइबर साइक्लोजी, बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किंग जर्नल में पब्लि‍श हुई रिसर्च के मुताबिक, स्मार्टफोन आज हमारी पहचान बन चुका है. हमारी पर्सनल मेमोरी इसमें रहती हैं. इतना ही नहीं, स्मार्टफोन के जरिए हम ना सिर्फ कई ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं बल्कि हम इसके जरिए किसी भी कॉन्टेंट को आसानी से एक्‍सेस कर सकते हैं. फोटो, वीडियो और मैसेज का आदान-प्रदान भी हम इसके जरिए आसानी से कर सकते हैं. ऐसे में स्मार्टफोन पास ना होने से हम अकेलापन महसूस करने लगते है.


स्माफर्टफोन पर निर्भरता-
इससे पहले मैककॉम्ब स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा की गई रिसर्च में पाया गया कि अगर स्मार्टफोन हमारे आसपास रहता है. फिर वो स्विच ऑफ भी हो तो इससे हमारी ज्ञान संबंधी क्षमता कम हो जाती है. यदि‍ हम स्माफर्टफोन को दूसरे कमरे में रख देते हैं तो भी ब्रेन को बूस्ट कर सकते हैं. ऐसा तब संभव है जब आपको लगे कि आप मोबाइल पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं.


बेशक, आज के समय में लेटेस्ट तकनीक से अपडेट रहना बेहद जरूरी है लेकिन उस पर पूरी तरह से निर्भर रहना गलत है.
 
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.