एक नए रिसर्च से पता चलता है कि तनाव के समय चेहरे पर मुस्कान बनाए रखना दिल के लिए फायदेमंद हो सकता है. साइकोलॉजिकल साइंस में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक 'मुस्कुराओ और सह लो' को समर्थन करते हैं. यह हमें बेहतर महसूस भी करा सकता है.


साइंटिस्ट ने स्ट्रेस और स्माइल को लेकर कहा ये बात


यह रिसर्च 'कैनसस विश्वविद्यालय की मनोवैज्ञानिक' साइंटिस्ट तारा क्राफ्ट और सारा प्रेसमैन का काम है. उन्होंने देखा कि अलग-अलग तरह की मुस्कुराहट और लोगों के मुस्कुराने के प्रति जागरूक होने से तनावपूर्ण घटनाओं से उबरने की उनकी क्षमता पर क्या असर पड़ता है. क्राफ्ट ने प्रेस को बताया कि वे यह पता लगाना चाहते थे कि "मुस्कुराओ और सह लो" जैसी पुरानी कहावतों का कोई वैज्ञानिक महत्व है या नहीं.


स्माइटल स्ट्रेस को कम करता है


सदियों पुरानी कहावत कहती है कि मुस्कुराना न केवल दूसरों को खुशी का संकेत देता है, बल्कि जीवन के तनावों से निपटने में भी मदद कर सकता है. पिछले अध्ययनों से पता चला है कि मुस्कुराना भावनाओं को प्रभावित करता है. और सकारात्मक भावनाओं का तनाव पर प्रभाव पड़ता है. लेकिन क्राफ्ट और प्रेसमैन मुस्कुराहट के प्रकारों के साथ प्रयोग करने वाले पहले व्यक्ति हैं, ताकि यह देखा जा सके कि उनका तनाव पर क्या प्रभाव पड़ता है.


शोधकर्ता अक्सर मुस्कुराहट को दो प्रकार का मानते हैं. मानक मुस्कान, जिसमें केवल मुंह ही मुस्कान को आकार देता है. और वास्तविक या ड्यूशेन मुस्कान, जिसमें मुंह और आंखों के आसपास की मांसपेशियां मुस्कान को आकार देती हैं. (बाद वाले का नाम गिलौम-बेंजामिन ड्यूशेन के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी का उपयोग करके दिखाया था कि कैसे वास्तव में खुश मुस्कान आंखों के आसपास की मांसपेशियों का भी उपयोग करती है.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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