नई दिल्लीः इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) में इस्तेमाल होने वाले मसाले (विशेष रूप से दालचीनी और मेंथॉल) दिल संबंधी रोगों (सीवीडी) के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. एक शोध में यह बात सामने आई है.
क्या कहती है रिसर्च-
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका में प्रकाशित हुई रिसर्च में यह बात सामने आई कि ई-तरल पदार्थ ब्लड के संपर्क में आने के बाद एंडोथेलियल कोशिकाएं में डीएनए को नुकसान पहुंचाता है और कोशिका को मारने वाले अणुओं के प्रदर्शन में काफी वृद्धि करता है. इसके लिए ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं के ब्लड के नमूने लिए गए.
क्या कहते हैं शोधकर्ता-
शोधकर्ताओं ने कहा कि निकोटीन न रहने के बाद भी मनपसंद स्वादों के लिए दालचीनी और मेंथॉल का इस्तेमाल किया जाता है जो बेहद हानिकारक है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोसेफ वू ने कहा कि ये शोध स्पष्ट रूप से दिखाता है कि ई-सिगरेट पारंपरिक सिगरेट का सुरक्षित विकल्प नहीं है.
कैसे की गई रिसर्च-
शोध के लिए, शोधकर्ताओं ने छह अलग-अलग लोकप्रिय ई-तरल स्वादों के प्रभाव की जांच की, जिनमें फल, तंबाकू, कारमेल और वनिला के साथ मीठा तंबाकू, मीठा बटरस्कॉच, दालचीनी और मेंथॉल शामिल है.
रिसर्च के नतीजों में निकोटीन के अलग-अलग स्तरों के साथ ई-तरल के छह अलग-अलग स्वादों को कोशिकाओं को उजागर किया, तो उसमें महत्वपूर्ण नुकसान देखा गया.
ये खबर शोध के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
मसालेदार ई-सिगरेट से बढ़ सकते हैं दिल के रोग, रिसर्च ने किया दावा
एजेंसी
Updated at:
29 May 2019 10:25 AM (IST)
अक्सर लोग धूम्रपान के विकल्प के तौर पर ई-सिगरेट पीते हैं. जबकि कुछ लोग फ्लेवर्ड ई-सिगरेट पीते हैं. लेकिन इसके कई नुकसान हो सकते हैं. जानें क्या कहती है ये रिसर्च.
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