लंदन: दुनियाभर में दस मौतों में से एक मौत की वजह धूम्रपान है. इनमें आधी मौतें चार देशों-चीन, भारत, अमेरिका और रूस में होती है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज रिपोर्ट 1990 और 2015 के बीच 195 देशों की धूम्रपान आदतों पर आधारित है.

यह पाया गया कि 2015 में करीब एक अरब लोग ने रोजाना धूम्रपान किया. इसमें चार में एक पुरुष और 20 में से एक महिला शामिल रही.

दशकों से तंबाकू नियंत्रण नीतियों के बावजूद जनसंख्या वृद्धि में धूम्रपान करने वालों की संख्या बढ़ोतरी देखी जा रही है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि तंबाकू कंपनियों के आक्रामक रूप से दुनिया के विकासशील देशों नए बाजार बनाने से मृत्यु दर में इजाफा हो सकता है.

वरिष्ठ लेखक एमानुएला गकीडु ने कहा, "स्वास्थ्य पर तंबाकू के हानिकारक प्रभाव के आधा शताब्दी से ज्यादा प्रभाव के बावजूद आज दुनिया के चार पुरुषों में एक पुरुष रोजाना धूम्रपान करता है."

शोध से पता चलता है कि तंबाकू से जुड़ी मौतें 2015 में 64 लाख से ज्यादा रही. इसमें 4.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.