एक नई स्टडी से मालूम चला है कि स्मोकिंग और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीने से हेल्दी लोगों में भी गंभीर कोरोना का संक्रमण पैदा हो सकता है. जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर मेडिसिन में पब्लिश इस स्टडी के मुताबिक, स्मोकिंग के साथ-साथ वेपिंग (इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीना), लोगों में सूजन की समस्या बढ़ाने के साथ-साथ गंभीर कोविड-19 के संक्रमण का जोखिम भी बढ़ा सकता है. इतना ही नहीं, संक्रमण के बाद होने वाली दिल से जुड़ी जटिलताएं भी तेजी से बढ़ सकती हैं.


स्टडी के लीड ऑथर और अमेरिका बेस्ड कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. थियोडोरस केलेसिडिस ने कहा कि स्मोकिंग तो स्वास्थ्य के लिए घातक है ही, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी सेहत को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि स्मोकिंग और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का संबंध फेफड़ों की कई बीमारियों से जोड़ा गया है, लेकिन कोरोना से कभी नहीं जोड़ा गया. यह काफी दिलचस्प और एक नई खोज है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रमुख प्रोटीन के स्तर को बदल देता है और इसका इस्तेमाल वायरस को दोहराने के लिए करता है.  


ई-सिगरेट पीने वालों को इन बीमारियों का खतरा


45 नॉन-स्मोकर्स, 30 इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट वेपर्स और 29 स्मोकिंग (तंबाकू) करने वालों से महामारी से पहले इकट्ठे किए गए प्लाज्मा की जांच में, शोधकर्ताओं ने जरूरी प्रोटीन के लेवल को मापा, जो वायरस SARS-CoV-2 को वापस लाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. इस प्रोटीन में ACE2, फ्यूरिन, Ang II, Ang 1-7, IL-6R, sCD163 और L-selectin शामिल हैं. बाद के तीन प्रोटीन ADAM17 नाम के प्रोटीन से कोशिकाओं में नियंत्रित होते हैं.


शोधकर्ताओं ने पाया कि तंबाकू स्मोकिंग या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीने वाले हेल्दी युवाओं के प्लाज्मा में स्मोकिंग नहीं करने वालों के प्लाज्मा के मुकाबले फ्यूरिन, sCD163 और L-selectin का लेवल ज्यादा पाया गया. केलेसिडिस ने कहा कि ई-सिगरेट पीने वाले लोगों में फेफड़े के इन्फेक्शन्स और सूजन से जुड़ी परेशानियों के विकास का खतरा ज्यादा है. क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह होते हैं.


ये भी पढ़ें: कब होगी आपकी मौत, ये एक टेस्ट खोलेगा राज! जानिए कैसे