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खर्राटे लेने वालों के लिए है ये खबर...!
नई दिल्लीः क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो सोते ही खर्राटे लेने लगते हैं. अगर हां, तो सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसे लोगों के लिए बुरी खबर है.
क्या कहती है रिसर्च-
सोते समय स्लीप एप्निया की वजह से सांस लेने में आने वाली समस्या मौत के खतरे को बढ़ा देती है. स्लीप एप्निया से फ्यूचर में हार्ट अटैक और गर्दन की धमनियों के मोटे होने का कारण भी बन सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार, स्लीप एप्निया एक सामान्य समस्या है. जिसकी वजह से सोते समय सांस लेने में रुकावट होती है या बेहद कम सांस आती है.
खर्राटे से मौत का खतरा-
अध्ययन के अनुसार. स्लीप एप्निया से जुड़े खर्राटे से मौत का खतरा बढ़ जाता है. ज्यादातर अध्ययन स्लीप सेंटर्ज में किए गए. हाल ही में एक अगस्त के स्लीप में आई एक नई ऑस्ट्रेलियन शोध के मुताबिक ऑब्स्ट्रिक्टिव स्लीप एप्निया से पीड़ित सभी लोगों को यह खतरा होता है.
स्लीप एप्निया से मौत का खतरा-
सिडनी के वूलकॉक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के अध्ययनकर्ता नथनायल मार्शल का कहना है कि मौत का खतरा खर्राटों के कारण आश्चर्यजनक रूप से बढ़ जाता है. इस रिसर्च में छह गुना ज्यादा खतरा होने की बात सामने आई है. यानि 40 साल की उम्र में स्लीप एप्निया से मौत का खतरा उतना ही होता है. जितना 57 साल की उम्र के व्यक्ति को बिना इस रोग के होता है.
आईएमए ने कहा है कि जिन लोगों को स्लीप एप्निया है या होने का शक है. उन्हें तुरंत अपने डॉक्टर से जांच और इलाज के लिए संपर्क करना चाहिए. विस्किॉन्सिन यूनिवर्सिटी की एक अन्य शोध में यह बात सामने आई है कि गंभीर स्लीप एप्निया से मौत का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है. इसके साथ ही मध्यम से हल्का स्लीप एप्निया के मामले में मौत का खतरा 50% तक ज्यादा होता है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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