Health Rare Disease: स्पेन (Spain) का एक शख्स जो सालों से सीवर की सफाई का काम रहा था, उसे एक ऐसे परजीवी ने जकड़ लिया कि उसके शरीर में अनगिनत कीड़े (larvas)रेंगने लगे, वो भी त्वचा के अंदर. उसकी ऐसी हालत देखकर डॉक्टर भी हैरान परेशान  हो गए और फिर जांच में पता चला कि उस शख्स की कमजोर इम्यूनिटी के चलते  एक राउंडवॉर्म (Roundworm)ने उसके शरीर में घऱ बना लिया है. आपको बता दें कि इस बीमारी में शरीर के संपर्क (infection)में आए बैक्टीरिया तब ताकतवर होते हैं जब मरीज की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. 

शरीर में रेंग रहे थे कीड़े जैसे बैक्टीरिया 


य़े मामला मैड्रिड के एक अस्पताल में सामने आया जहां ये मरीज अपने डायरिया और खुजली वाले दानों से परेशान होकर इलाज करवाने आया. डॉक्टर ये देखकर हैरान रह गए कि मरीज की त्वचा के अंदर कीड़े जैसे बैक्टीरिया रेंग रहे थे. जांच के दौरान पाया गया कि ये कीड़े दरअसल स्ट्रांगिलोइड्स स्टेरकोरेलिस हैं जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय इलाकों में दूषित मिट्टी के संपर्क में आने पर शरीर में घुस जाते हैं. इन परजीवियों को नेटामोड कहते हैं. 

इम्यूनिटी कमजोर होते ही फैले रिंगवॉर्म 


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये नेटामोड मरीज के शरीर में कई साल पहले आए होंगे जब वो सीवेज का काम करता होगा. वहां दूषित मिट्टी और अन्य दूषित चीजों के चलते ये नेटामोड उसके शरीर में घुसे होंगे और अंडे दिए होंगे. लेकिन तब मरीज की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी इसलिए इनके लक्षणों का पता नहीं चल सका. कुछ सालों बाद जब मरीज को किसी बीमारी के चलते हार्मोन थैरेपी दी गई तो उसकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई और इन परजीवियों ने खुद को विकसित किया और शरीर के भीतर तेजी से फैल गए.  डॉक्टरों के मुताबिक चूंकि इन स्ट्रॉन्गिलोइड्स के लक्षण पता नहीं चलते और ये शरीर में सालों तक छिपकर खुद को जीवित रखते हैं, इसलिए मरीज इन्हें पहचान नहीं पाया. जब इन परजीवियों ने अंडे दिए तो इनकी संख्या इतनी ज्यादा हो गई कि इनके लार्वा त्वचा के भीतर रेंगते दिखने लगे. अगर समय पर इसका इलाज ना हो पाए तो मरीज सैप्सिस और लिवर फैल्योर का शिकार बन सकता है.

 

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