Spicy Food: मसालेदार भोजन खाने में भले ही तीखे लगें, लेकिन फिर भी लोग इन्हें खाना पसंद करते हैं. कई लोग भोजन में तीखापन लाने के लिए तरह-तरह मसालों और मिर्च आदि का इस्तेमाल करते हैं. मसालेदार भोजन स्वाद में काफी तीखे होते हैं, जो मुंह और गले में जलन की अनुभूति पैदा करते हैं. खाने को तीखा बनाने में इस्तेमाल होने वाले मसाले या मिर्च में कैप्साइसिन (Capsaicin) पाया जाता है. कैप्साइसिन आपके मुंह और गले में रिसेप्टर्स को स्टिमुलेट करता है. इसी की वजह से आपको मुंह में जलन का एहसास होता है.
मसालेदार खाना डाइजेस्टिव प्रोसेस को तेज करने का काम करता है. क्योंकि कैप्साइसिन हार्मोन को रिलीज करता है, जो डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की मसल्स को स्टिमुलेट करता है. तेज पाचन और मल त्याग की प्रक्रिया डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की बढ़ी हुई गतिशीलता का परिणाम होता है. मसालेदार भोजन के सेवन के बाद कुछ लोग तेज पाचन की बात कह सकते हैं. जबकि बाकी लोगों को दस्त, ऐंठन और पेट दर्द की शिकायत महसूस होती है.
बढ़ सकता है पेट में एसिड
मसालेदार भोजन का सेवन करने से पेट में एसिड का प्रोडक्शन बढ़ सकता है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि कैप्साइसिन हार्मोन गैस्ट्रिन की वजह बनता है, जो पेट को ज्यादा से ज्यादा एसिड बनाने के लिए मजबूर कर सकता है और ब्लडस्ट्रीम में रिलीज कर देता है. पेट में बहुत ज्यादा एसिड होने की वजह से सीने में जलन, एसिड रिफ्लक्स और कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
गट माइक्रोबायोम पर पड़ सकता है बुरा असर
ज्यादा मसालेदार खाना खाने से आपके गट माइक्रोबायोम पर बुरा असर पड़ सकता है. गट माइक्रोबायोम अरबों-खरबों माइक्रो ऑर्गेनिज्म से बना होता है, जो डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में मौजूद रहते हैं और डाइजेशन सहित कई स्वास्थ्य कार्यों में जरूरी भूमिका निभाते हैं. कई अध्ययनों से मालूम चलता है कि कैप्साइसिन गट माइक्रोबायोम की संरचना पर असर डाल सकता है, जिसकी वजह से इसमें मौजूद बैक्टीरिया के प्रकारों में बदलाव हो सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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