प्रेग्नेंसी को लेकर हमारे समाज में कई सारे मिथ है. जैसे प्रग्नेंसी के दौरान घी खाना चाहिए इससे बच्चा नॉर्मल होता है. वहीं दूसरी तरफ यह भी मिथ है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे के आंखों में जलन होने लगती है. यानि बच्चे पर बुरा असर पड़ता है. आज हम एबीपी लाइव हिंदी ने 'मिथ vs फैक्ट्स' को लेकर एक सीरिज शुरू किया है. इस सीरिज के जरिए प्रेग्नेंसी को लेकर समाज में जितने भी मिथ है. जिसे लोग सच समझकर फॉलो करते हैं हम उनका लॉजिकल तरीके से जवाब देने की कोशिश करेंगे.


'मिथ vs फैक्ट्स' सीरिज में हम ऐसे मुद्दों को उठाते हैं. उसके तह तक जाने की कोशिश करते हैं. जिससे अक्सर बोलचाल की भाषा में लोग इस्तेमाल करते हैं. जैसे हमारे समाज में प्रेग्नेंसी को लेकर कई सारी ऐसी बातें है जिसे डॉक्टर मिथ मानती है. इस Myth VS Truth सीरिज के जरिए ऐसी बातों को तथ्य के साथ हम आम जनता के साथ पेश करेंगे. ताकि आप दकियानूसी झूठी बातों के दलदल में न फंसे. 


मसालेदार खाना खाने से बच्चे के आंखों में होती है जलन?


मिथक यह भी बताता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान खाया जाने वाला मसालेदार भोजन बच्चे की आंखों को जला सकता है, जिससे अंधापन हो सकता है. मसालेदार खाना खाने से गर्भपात और प्रसव पीड़ा की समस्या हो सकती है. हालांकि कुछ लोगों को यह बिल्कुल झूठ बात लग सकती है. लेकिन यह बात बिल्कुल भी सच नहीं है. हालांकि, मसालेदार खाना गर्भवती महिला के सीने में जलन के जोखिम को बढ़ा सकता है. अगर हम एक और पुरानी कहावत पर विश्वास करें तो गर्भावस्था के दौरान बार-बार सीने में जलन का मतलब यह हो सकता है कि बच्चा बालों से भरा हुआ पैदा होगा.


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यह एक मिथक है कि गर्भावस्था के दौरान मसालेदार भोजन खाने से बच्चे की आंखें जल सकती हैं या अंधापन हो सकता है. वास्तव में मसालेदार भोजन खाना भ्रूण के लिए सुरक्षित है. गर्भावस्था के दौरान मसालेदार भोजन खाने के बारे में कुछ अन्य मिथक इस प्रकार हैं. मसालेदार भोजन गर्भपात का कारण बन सकता है और मसालेदार भोजन प्रसव को प्रेरित कर सकता है.


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गर्भावस्था के दौरान मसालेदार भोजन से बचने का एकमात्र कारण यह है कि इससे सीने में जलन होती है.हालांकि ऐसे कोई अध्ययन नहीं हैं जो विशेष रूप से मसालेदार भोजन को देखते हैं. एक अध्ययन में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान कुछ खाद्य पदार्थ खाने से एमनियोटिक द्रव का स्वाद बदल सकता है. यह आपके बच्चे की स्वाद कलियों को प्रभावित कर सकता है, और वे जीवन में बाद में कुछ खास स्वाद पसंद कर सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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