थोड़ी सा लापरवाही और आंख में हो सकते हैं ये इंफेक्शन... और भी लग जाएगा चश्मा!
दिल्ली और उसके आसपास के एरिया में कंजंक्टिवाइटिस और दूसरे आंख से जुड़े इंफेक्शन के मरीज बड़ी संख्या में बढ़ रहे हैं.
दिल्ली और उसके आसपास के एरिया में कंजंक्टिवाइटिस और दूसरे आंख से जुड़े इंफेक्शन के मरीज बड़ी संख्या में बढ़ रहे हैं. कई डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जिस तरीके से आंख से जुड़े इंफेक्शन के केसेस बढ़ रहे हैं उसके प्रसार को रोकने के लिए साफ-सफाई का खास ख्याल रखने की जरूरत है. सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के डॉक्टरों ने कहा कि यह बीमारी शहर में रह रहे युवाओं की बड़ी आबादी को अपने गिरफ्त में करती जा रही है. यह ऐसे इंफेक्शन है जिनका वक्त रहते इलाज नहीं किया गया तो यह किसी भी इंसान के लिए काफी ज्यादा मुश्किल खड़ी कर सकती है.
आंखों के इंफेक्शन और कंजंक्टिवाइटिस
'एनडीटीवी' इंग्लिश पॉर्टल में छपी खबर के मुताबिक दिल्ली के वसंत कुंज में फोर्टिस अस्पताल में आईज स्पेशलिस्ट की वरिष्ठ सलाहकार डॉ आरती नांगिया के मुताबिक दिल्ली में आंखों के इंफेक्शन और कंजंक्टिवाइटिस के मामलें में वृद्धि हुई है.यह या तो आंखों का एक अलग संक्रमण है या खांसी या सर्दी जैसे ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण के साथ है. क्योंकि वायरस वही है जो आंखों और गले को संक्रमित कर रहा है.
बदलते मौसम के कारण यह बीमारी तेजी से फैल रही है
यह एक मौसमी बदलाव है और वायरल संक्रमण के साथ-साथ बैक्टीरिया का संक्रमण और एलर्जी भी बढ़ जाती है.दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा हमने ऐसे मामलों में मामूली वृद्धि देखी है. जहां मरीज बुखार के साथ-साथ आंखों में जलन की शिकायत लेकर आ रहे हैं.ये वायरल संक्रमण के लक्षण हैं. यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है. जब उनसे पूछा गया कि क्या इन मरीजों में कोई कोविड जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि नहीं ऐसे मरीजों में कोविड के कोई लक्षण तो नहीं दिख रहे हैं.
डॉक्टर ने संक्रमण रोकने के लिए यह आदेश किया जारी
हालांकि, डॉ. नांगिया ने दावा किया कि लाल आंखों के साथ आंख में हो रहे इंफेक्शन को नई सीओवीआईडी जैसी महामारी कहा जा सकता है क्योंकि यह एक वायरल संक्रमण (आई फ्लू) है. उन्होंने कहा, संक्रमण के प्रसार में वृद्धि इसलिए हुई है क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. यह संपर्क या स्पर्श, के जरिए भी तेजी से फैलती है. इसलिए इस बीमारी में साफ-सफाई की ध्यान रखने की जरूरत है.डॉक्टरों ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोने की सलाह दी है.
संक्रमण को रोकना है तो आपको इस सलाह को जरूर मानना चाहिए
डॉक्टरों ने कहा है कि इस बीमारी से बचना है तो एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स, आंखों के मलहम, सामयिक डिकॉन्गेस्टेंट,स्मेल और कुछ एंटी बॉयोटिक दवा के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है. इस बीमारी में आईस पैक से सेकाई करके भी आपको कुछ पल के लिए आराम मिल सकता है. आंखों में पानी आना, लालिमा, जमाव, फोटोफोबिया और आंख की सतही परत में रक्तस्राव इसके लक्षण हैं. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आंखों को कम से कम छूना चाहिए, दूसरों के साथ इसके संपर्क से बचना चाहिए और संक्रमण होने पर स्कूली बच्चों को 3-5 दिनों के लिए अलग रखना चाहिए, जिसके बाद अगर इलाज शुरू किया जाए तो वे गैर-संक्रामक हो सकते हैं.
दिल्ली के स्कूलों में बच्चे हुए आई इंफेक्शन से प्रभावित
दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से कंजंक्टिवाइटिस और आंखों के अन्य संक्रमण के मामले भी सामने आ रहे हैं. दिल्ली के स्कूल में आए दिन आंखों में इंफेक्शन के मामले सामने आ रहे हैं. मुख्य रूप से, टाइफाइड, पेट की खराबी और कंजंक्टिवाइटिस के मामले हैं. आंखों के संक्रमण वाले छात्र 2-3 दिनों के लिए स्कूल नहीं जा रहे हैं, लेकिन टाइफाइड और पेट के संक्रमण के लिए, छात्र कम से कम एक सप्ताह की चिकित्सा छुट्टी ले रहे हैं.आईटीएल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल सुधा आचार्य ने कहा, कक्षा 11 के छात्रों में टाइफाइड के कई मामले सामने आए हैं. लेकिन इस बार डेंगू का कोई मामला नहीं है.उन्होंने कहा कि कई एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं और कक्षा 11 और 12 के छात्र छोटे छात्रों के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं.
सेंटर फॉर साइट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ महिपाल सिंह सचदेव ने कहा कि इसके केंद्रों में ओपीडी में मरीजों की संख्या में आए दिन वृद्धि हो रहे हैं. खुजली और लाल आंख की शिकायतें तेजी से बढ़ रही है. कुल मिलाकर (हमारे केंद्रों पर) अगर हम अन्य समय की तुलना करें तो कम से कम 20-25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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