नई दिल्लीः शनिवार की रात श्रीदेवी का अचानक कार्डिएक अरेस्ट से निधन हो गया. आज श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को दुबई से मुंबई लाया जाएगा. श्रीदेवी से पहले भी कई बॉलीवुड हस्तियों की हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो चुकी है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर हैं.
आमतौर पर लोग सोचते हैं कि हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट एक ही बात है लेकिन दोनों में थोड़ा बहुत अंतर है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की डॉ. नीएका गोल्डबर्ग का कहना है कि सभी हार्ट डिजीज़ एक जैसी नहीं होती है. ये ब्लड वेसल्स को हार्ट या ब्रेन, हार्ट मसल्स, वाल्व और शरीर के अन्य क्षेत्रों को प्रभावित कर सकती हैं. कार्डियोवस्कुलर डिजीज़ को लंबे समय तक ट्रीटमेंट की जरूरत होती है. यहां तक कि ये अचानक से और गंभीर रूप कभी भी ले सकती हैं.
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जानिए हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में अंतर-
हार्ट अटैक-
जब कोरोनरी आट्रीज ब्लॉक हो जाती हैं और हार्ट की मसल्स को ब्लड की सप्लाई नहीं मिल पाती तो हार्ट अटैक यानि दिल का दौरा पड़ता है. यदि हार्ट अटैक के बाद तुंरत इलाज ना करवाया जाए या आपात स्थिति में मरीज को दवा ना मिले तो ऑक्सीजन की कमी से मरीज की तुरंत मौत हो सकती है.
दरअसल, हार्ट अटैक एक ब्लड सर्कुलेशन प्रॉब्लम है. जब हार्ट मसल्स तक ब्लड सर्कुलेशन ब्लॉक हो जाता है या ठीक से नहीं पहुंचता या लंबे समय तक इसकी सप्लाई नहीं होती तो हार्ट मसल्स डैमेज हो जाती हैं.
हार्ट अटैक अधिकत्तर आट्रीज में प्लैक यानि किसी पट्टियों के निर्माण के कारण पड़ता है. ये प्लैक ब्लड में फैट, कैल्शियम और अन्य पदार्थों के साथ कोलेस्ट्रॉल का संयोजन होता है. ये सभी एलीमेंट्स प्लैक को सख्त बना देते हैं जिससे प्लैक टूट जाता है और ब्लड क्लोटिंग होने लगती है. ब्लड क्लोटिंग का स्तर बढ़ने पर आट्रीज़ में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है.
हार्ट अटैक का खतरा उन लोगों को अधिक होता है जिनके परिवार में पहले किसी को हार्ट अटैक आ चुका हो, जिनका कोलस्ट्रॉल हाई रहता हो, ब्लड प्रेशर हाई रहता हो, जो कम व्यायाम करते हो, सिगरेट, स्मोकिंग करते हो.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हार्ट अटैक घातक हो सकता है लेकिन इससे तुरंत डेथ नहीं हो सकती. इमरजेंसी सिचुएशन में तुरंत हॉस्पिटल ले जाकर मरीज को बचाया जा सकता है.
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कार्डिएक अरेस्ट-
जब व्यक्ति का हार्ट पंपिंग करना बंद कर देता है, बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है और व्यक्ति सामान्य तरीके से सांस नहीं ले पाता तो कार्डिएक अरेस्ट यानि हार्ट फेल हो जाता है.
बहुत से व्यस्क लोगों का हार्ट अटैक के कारण हार्ट फेल हो जाता है. दरअसल, जब व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ता है तो हार्ट की रिदम खतरनाक हो जाती है तो कि कार्डिएक अरेस्ट के कारण होती है. सामान्य शब्दों में कहें तो जब हार्ट रिदम तेजी से और असामान्य तरीके से हो, साथ ही हार्ट प्रभावी तरीके से पंप ना कर पा रहा हो तो अचानक व्यक्ति गिर जाता है. अचानक हार्ट फंक्शन का काम करना बंद होने से सांस लेना बंद हो जाता है और व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिर जाता है. लेकिन इमरजेंसी ट्रीटमेंट देकर कार्डिएक अरेस्ट के मरीज को भी बचाया जा सकता है.
कार्डियोलॉजिस्ट मुंबई के नानावती सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कार्यरत सलील शिरोडकर का कहना है कि कार्डिएक अरेस्टत वो स्थिति है, जिसमें हार्ट की ब्लड को पंप करने की क्षमता कम हो जाती है. हार्ट अटैक दूसरी अवस्था है. इसमें कोरोनरी धमनी में ब्लड जम जाता है. हार्ट के मांसपेशियों को ब्लड की आपूर्ति बंद हो जाती है या बुरी तरह कम हो जाती है. हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट दोनों में ही इमरजेंसी सिचुएशन होती है.
क्या कहती हैं रिपोर्ट-
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में कार्डियोवस्कुलर डिजीज़ नंबर वन किलर हैं. 2015 में ही हार्ट अटैक से 17.7 मिलियन लोग यानि दुनियाभर में 31 फीसदी लोगों की कार्डियोवस्कुलर डिजीज़ के कारण डेथ हुई थी.
ये रिसर्च/एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.