श्रीनगर की एक महिला ने आपदा में अवसर की कहानी को सच कर दिखाया है. उसने कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए खास बिस्किट बनाने का दावा किया है. खास बिस्कुट को देसी तरीके से रसोई में रखे अलग-अलग मसालों से तैयार किया गया है.
आपदा में महिला के अवसर की कहानी
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अब बिस्कुट और बेकरी को ढाल बनाए जा रहे हैं. श्रीनगर में 26 साल की असमा मोहिउद्दीन ने कोरोना मार बिस्कुट तैयार किया है. उन्होंने कहा, "हमने सोचा हमारे पास ऐसी चीजें हैं जो पोषण के लिए विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होती हैं. स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने में उनका वैज्ञानिक आधार भी है. लिहाजा हमने उन सबके मिश्रण से कोरोना मार बिस्कुट तैयार करने में सफलता पाई."
कोरोना के खिलाफ जंग में उतारे बिस्कुट
फूड टेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट असमा ने देसी मसाले, जड़ी बूटियों और बीजों का इस्तेमाल करते हुए केक और बिस्कुट बनाए हैं. दावा किया जा रहा है कि ये बिस्कुट और केक कोरोना संकट के समय लोगों की इम्युनिटी बढ़ानेवाले हैं. उनके उत्पाद को भारत के आयुष मंत्रालय से संबंध लैब की हरी झंडी मिल गई है. लैब में शोध के दौरान पाया गया कि महिला के उत्पाद में विटामिन ई, ओमेगा 3, ओमेगा 6 और विटामिन ए जैसे तत्व हैं.
'इम्युनिटी बूस्टर बेकरी' का पेश किया आइडिया
आयुष मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर महिला ने 'इम्युनिटी बूस्टर बेकरी' जैसे आइडिया के साथ बाजार में कदम रखा. बेकरी में इम्युनिटी बूस्टर की शुरुआत असमा के पिता गुलाम मोहिउद्दीन की दुकान से हुई है. उन्होंने इसका श्रेय अपनी बेटी को देते हुए मानव सेवा ही जिंदगी का लक्ष्य बताया. उनका कहना है कि इंसान उसी को कहते हैं जो अपने लिए भी करे और दूसरों के लिए भी करे.
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