मसालेदार खाने से पेट और गले में होने लगती है जलन, इन उपायों को आजमाएं तुरंत मिलेगी राहत
ओनलीमायहेल्थ के मुताबिक मसालों को गैस्ट्रिक अल्सर और एसिडिटी के लिए जिम्मेदार माना जाता था.
इंडियन खाने में मसाले में एक खास भूमिका होती है. यह मसाले खाने में स्वाद और खुशबू बढ़ाता है. भारतीय मसालों को उनके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. हल्दी में करक्यूमिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. जो शरीर के सूजन को कम करता है. जबकि कुछ मसाले पाचन स्वास्थ्य भी सहायता कर सकते हैं. कुछ व्यक्तियों को स्पाइसी खाना खाने के बाद पेट में परेशानी और जलन होने का अनुभव हो सकता है.
ओनलीमायहेल्थ के मुताबिक मसालों को गैस्ट्रिक अल्सर और एसिडिटी के लिए जिम्मेदार माना जाता था. हालांकि, 20वीं सदी के बीच में यह साबित हो गया कि मसालों से अल्सर नहीं होता है. दरअसल, 'वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भोजन में कुछ सामान्य मसालों का सेवन और हर्बल सप्लीमेंट के सेवन से मनुष्यों में पेप्टिक अल्सर रोग से लड़ने में मदद मिल सकती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मसाले या मसालेदार खाने का आंत के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है. यहां कुछ कारण बताए गए हैं कि क्यों मसाले कभी-कभी पेट में जलन पैदा कर सकते हैं. कैप्साइसिन मिर्च में पाया जाने वाला एक यौगिक है और तीखी गर्मी के लिए जिम्मेदार है. यह पेट की परत को परेशान कर सकता है. जिससे जलन या असुविधा हो सकती है, खासकर अगर बड़ी मात्रा में या संवेदनशील पेट वाले व्यक्तियों द्वारा इसका सेवन किया जाता है.
एसिड और गैस की बीमारी
मसालेदार भोजन कुछ व्यक्तियों में एसिड रिफ्लक्स या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) के लक्षणों को ट्रिगर या खराब कर सकता है. मसाले निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर (एलईएस) को आराम दे सकते हैं, जिससे पेट का एसिड वापस अन्नप्रणाली में प्रवाहित हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन या जलन हो सकती है.
गैस्ट्रिक जलन
मसाले, विशेष रूप से अत्यधिक मात्रा में, सीधे पेट की परत को परेशान कर सकते हैं, जिससे जलन या असुविधाजनक अनुभूति हो सकती है. अपच, अल्सर, ऊपरी पेट की परेशानी, भाटा के लक्षण होने का खतरा है. तो मसाले निश्चित रूप से इसे बदतर बना देंगे. डॉक्टर के मुताबिक, मसाले में सबसे ज्यादा असर मिर्च और कैप्साइसिन से होता है. ऐसे अन्य मसाले भी हैं जो इन प्रभावों के प्रति उदासीन हो सकते हैं. अगर किसी को पेट में जलन या सीने में तकलीफ होती है तो इसे रेट्रोस्टर्नल बर्न या रिफ्लक्स रोग कहा जाता है. ठंडा दूध, एंटासिड, चबाने योग्य एंटासिड गोलियां या डाइजीन सिरप जैसे कुछ न्यूट्रल पदार्थ लेने से तत्काल राहत प्राप्त की जा सकती है. वे लक्षणों को तुरंत रोकने या देखभाल करने में सहायक होते हैं. यदि आप मसालेदार भोजन खाने के बाद पेट में जलन या असुविधा का अनुभव करते हैं.
मसाले खाने से परहेज करें
खाने में मसाला की मात्रा काम करें.
खाली पेट मसालेदार खाना खाएं.
ज्यादा मसाले आपके पेट के दर्द को ट्रिगर कर सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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