क्या है Strep A Infection? जिसने UK में 6 बच्चों की जान ले ली
स्ट्रेप ए इन्फेक्शन यूके में कहर बरपा रहा है. वहां 6 बच्चे जान गंवा चुके हैं. यूरोपीय देशों से यात्रा कर लौट रहे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है
Strep A Infection Treatment: कोविड ने पिछले दो सालों में विश्व की अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है. देश और दुनिया में करोड लोग इस वायरस की चपेट में आ गए. लाखों लोग जान भी गंवा बैठे. कोविड के बाद से लोगों ने हेल्थ को लेकर सजग रहना शुरू कर दिया है. वहीं, कोविड के बाद कई तरह के वायरस, बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी देखने को मिल रहे हैं. दुनिया में अब एक और बीमारी सामने आई हैं. इस बीमारी ने यूरोप के प्रमुख देश यूनाइटेड किंगडम में 6 बच्चों की जान ले ली हैं. यूके में यह बीमारी बहुत तेजी से अपने पांव पसार रही है. आइए जानते हैं, जिससे आपको सचेत रहने की जरूरत है.
क्या है स्ट्रेप ए इन्फेक्शन?
डॉक्टरों का कहना है कि स्ट्रेप ए को ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस के रूप में भी जाना जाता है. यह बैक्टीरिया जनित बीमारी है. इसका बीमारी में बैक्टीरिया गले और स्किन पर पाया जाता है. यह बैक्टीरिया व्यक्ति के लिए कई नॉन सीरियस से लेकर सीरियस इन्फेक्शन का कारक भी बन सकता है. इनमें गला खराब होना, नेक्रोटाइजिंग पफेसाइटिस, स्कारलेट पफीवर,सेल्यूलाइटिस, स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम, रूमेटिक फीवर, पोस्ट-स्ट्रेप्टोकोकल ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस बीमारी शामिल हैं. यह एक संक्रामक रोग है. एक दूसरे के संपर्क में आने पर तेजी से फैलता है.
क्या दिखते हैं लक्षण?
इन्फेक्शन के होने पर कुछ लोगों में लक्षण दिख सकते हैं, जबकि कुछ लक्षण नहीं भी दिखाते. ग्रुप ए स्ट्रेप से संक्रमित होने पर गला अधिक खराब होता है. इसके लक्षणों की बात करें तो कुछ भी निगलते समय दर्द होना, बुखार आना, छींक आना, गले खराब होना, स्किन पर चकत्ते, सूजे हुए टॉंसिल और सूजी हुई ग्लैंड शामिल हैं.
10 साल से कम के अधिक बच्चे आ रहे चपेट में
दुखद यह है कि इस बैक्टीरिया की चपेट में 10 साल से कम उम्र के बच्चे अधिक आ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज कराने की जरूरत है. कोशिश करें कि बच्चा इस तरह लक्षण दिखने वाले किसी बच्चे या बड़े के संपर्क में न आए.
कितना है खतरनाक और क्या है इलाज
विशेषज्ञों का कहना है कि यह इन्पफेक्शन आमतौर पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन बैक्टीरिया टॉक्सिंस रिलीज करता है और यह ब्लड में जाकर मिल जाते है तो बेहद घातक हो जाते हैं. इसमें सेप्सिस होना, दिल की सूजन और बॉडी के आर्गन तक फेल सकते हैं. बीमारी से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है. डॉक्टर एंटीबायोटिक देकर इलाज शुरू करा देते हैं. हालांकि लक्षण दिखते ही सबसे पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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