दिमाग में खून का थक्का बनना स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं. यह एक खतरनाक और घातक बीमारी है जिसके कारण दिमाग को गंभीर नुकसान झेलना पड़ता है. यह मृत्यु का कारण भी बन सकती है. ऐसा तब होता है जब ब्लड सेल्स में चिपक जाती है और दिमाग के ब्लड सर्कुलेशन में ब्लड ठीक से पहुंच नहीं पाता है.


क्या है इस्केमिक स्ट्रोक ? 


इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक हार्ट से जुड़ी एक गंभीर स्थिति है. इस तरह के स्ट्रोक में ब्रेन में होने वाले ब्लड सर्कुलेशन में कई तरह की रुकावट होने लगती है. इसके कारण ब्रेन में ब्लड ठीक से पहुंच नहीं पाता है. इसके कारण ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और साथ ही पोषक तत्व की कमी. जिसके कारण ब्रेन में खून के थक्के जमने लगते हैं. 


एंटीकोएगुलंट्स ऐसी दवाएं हैं जो रक्त के थक्कों की संख्या को कम करती हैं. इससे दिमाग में ब्लड में रक्त के थक्के से पूरी तरह ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है. सर्जरी: मस्तिष्क में रक्त के थक्के के कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है.


इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक के कारण क्या हैं?


स्केमिक स्ट्रोक
ब्रेन तक रक्त पहुंचाने वाली नसें ब्ल़ॉक हो जाना।
नसों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाने, प्लाक जमा होने के कारण ब्लड सर्कुलेशन का धीमा होना.


हैमोरेजिक स्ट्रोक


ये वाले स्ट्रोक में ब्रेन में ठीक से ब्लड नहीं पहुंच पाती है. जिसके कारण ब्रेन की नसें डैमेज हो जाती है. और ब्रेन के अंदर ब्लीडिंग होने लगती है. 


ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
1. अचानक से सिर में तेज दर्द
2. चक्कर आना
3. तेज धूप में बेहोशी
4. धुंधला नजर आना


ब्रेन स्ट्रोक से कैसे बचें
1. दोपहर में घर से बाहर न निकलें
2. धूप में जाएं तो सिर कवर करें.
3. हर एक घंटे पर पानी पिएं.
4. सिर दर्द या चक्कर आने पर तुरंत अस्पताल जाएं.


इस बीमारी के पीछे का कारण गलत खानपान और लाइफस्टाइल है. जिसके कारण ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. 


लगभग 87% स्ट्रोक इस्केमिक होते हैं. मस्तिष्क में रुकावट आमतौर पर प्लाक के टुकड़े या रक्त के थक्के के कारण होती है. यदि रुकावट मस्तिष्क में स्थानीय रूप से होती है, तो इस स्थिति को थ्रोम्बोसिस कहा जाता है. यदि रक्त का थक्का शरीर में कहीं और से आता है, तो इसे एम्बोलिज्म कहा जाता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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