अगर आप मां बनने की कोशिश कर रही हैं और इसमें देरी हो रही है, तो परेशान न हों. कई बार हेल्थ समस्याएं या हार्मोनल असंतुलन इसकी वजह हो सकते हैं. सही समय पर कुछ जरूरी टेस्ट करवाकर आप इन समस्याओं का पता लगा सकती हैं और इलाज शुरू कर सकती हैं. आइए जानें कौन-कौन से टेस्ट आपको करवाने चाहिए ताकि आपकी मां बनने की यात्रा आसान हो सके. 


थाइरॉइड टेस्ट
थाइरॉइड हार्मोन का असंतुलन प्रजनन क्षमता पर असर डाल सकता है. थाइरॉइड टेस्ट से यह पता लगाया जा सकता है कि आपकी थाइरॉइड ग्रंथि सही से काम कर रही है या नहीं. अगर थाइरॉइड में कोई गड़बड़ी होती है, तो डॉक्टर इसके लिए दवाएं दे सकते हैं. 


हार्मोनल टेस्ट
महिलाओं में कई हार्मोन प्रजनन प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं, जैसे कि प्रोलैक्टिन, प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन. इन हार्मोन का लेवल जांचने के लिए डॉक्टर हार्मोनल टेस्ट करवाते हैं. इससे यह पता चलता है कि कहीं हार्मोन का स्तर सामान्य से कम या ज्यादा तो नहीं है. 


अल्ट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड एक ऐसा टेस्ट है जिससे डॉक्टर आपके अंडाशय (ओवरी) और गर्भाशय (यूट्रस) की जांच करते हैं. इस टेस्ट से पता चलता है कि आपके अंडाशय में अंडाणु (एग) बन रहे हैं या नहीं और गर्भाशय की स्थिति सही है या नहीं. अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर आपकी पेट पर एक खास तरह की मशीन रखते हैं जिससे अंदर की तस्वीरें दिखती हैं. यह प्रक्रिया बिल्कुल दर्दरहित होती है और इससे कई समस्याओं का पता लग सकता है. अगर आप मां बनने की कोशिश कर रही हैं और इसमें देरी हो रही है, तो अल्ट्रासाउंड करवाना एक अच्छा कदम हो सकता है. 


एचएसजी (HSG) टेस्ट
एचएसजी (हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी) टेस्ट से पता चलता है कि आपकी फैलोपियन ट्यूब्स में कोई अवरोध है या नहीं. इस टेस्ट में एक्स-रे का उपयोग किया जाता है. डॉक्टर आपके गर्भाशय में एक खास तरह का डाई डालते हैं और फिर एक्स-रे लेकर देखते हैं कि डाई फैलोपियन ट्यूब्स में सही से जा रही है या नहीं. यह प्रक्रिया आसान और दर्दरहित होती है. 


एएमएच (AMH) टेस्ट
एएमएच (एंटी-म्यूलरियन हार्मोन) टेस्ट से आपके अंडाशय में अंडाणुओं की संख्या का पता चलता है. यह टेस्ट बताता है कि आपके अंडाशय में कितने अंडाणु बन सकते हैं. डॉक्टर आपके खून का सैंपल लेकर एएमएच का स्तर जांचते हैं. इससे यह समझने में मदद मिलती है कि आपके प्रजनन की क्षमता कैसी है और मां बनने की संभावना कितनी है. 


सेमेन एनालिसिस
अगर आपके पति भी टेस्ट करवाना चाहते हैं, तो सेमेन एनालिसिस (शुक्राणु जांच) जरूरी है. इस टेस्ट से शुक्राणुओं की संख्या, उनकी गति और आकार का पता चलता है.  डॉक्टर आपके पति के शुक्राणु का सैंपल लेकर इसकी जांच करते हैं. इससे यह समझने में मदद मिलती है कि आपके पति की प्रजनन क्षमता कैसी है और किसी समस्या का इलाज किया जा सकता है.