इन वजहों से चाहकर भी नहीं हो पाता आपका वजन कम!
र्फ डायट को कंट्रोल कर वजन कम करना संभव नहीं है. हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से आपका वजन कंट्रोल नहीं हो पा रहा.
नई दिल्ली: क्या आप अपने वजन को लेकर चिंतित हैं? क्या आप वजन कम करने के लिए सिर्फ डायट को काफी मानते हैं? अगर हां, तो आपको अपनी सोच बदलने की जरूरत ही है. जी हां, सिर्फ डायट को कंट्रोल कर वजन कम करना संभव नहीं है. आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से आपका वजन कंट्रोल नहीं हो पा रहा.
क्या है गट बैक्टीरिया- रिसर्च के मुताबिक, पेट के कुछ ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो वजन को बढ़ाने और कम करने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं. इन्हें ‘गट बैक्टीरिया’ के नाम से जाना जाता है. गट बैक्टीरिया वे हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जो पेट में मौजूद होते हैं और स्टमक को हेल्दी रखते हैं. ये डायजेशन में भी हेल्प करते हैं.
क्या कहती है रिसर्च- कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के न्यूट्रिशन, एक्सरसाइज और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के शोधकर्ताओं के अनुसार, हमारे शरीर में गट बैक्टीरिया का एक हिस्सा ये भी तय करता है कि व्यक्ति किन परिस्थितियों में कितना वजन कम कर सकता है. इसका मतलब ये हुआ कि डायटिंग के जरिए एक साइज में फिट होने का फंडा व्यर्थ है.
कैसे की गई रिसर्च- स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 62 अधिक वजन वाले लोगों पर शोध किया. शोध के दौरान प्रतिभागियों को न्यू नॉर्डिक डायट (साग, जामुन और साबुत अनाज सहित) और औसत डेनिश डायट (मांस, अंडे, सलाद, कॉफी लेकिन अनाज नहीं) खाने को दिया गया. इन प्रतिभागियों को इनके शरीर में मौजूद दो अलग-अलग बैक्टीरिया प्रीवोटेला और बैक्टेरॉइड्स के आधार पर दो ग्रुपों में बांटा गया.
शोध में पाया गया कि जिन बैक्टेरॉइड्स वाले ग्रुप में प्रीवोटेला बैक्टीरिया ज्यादा थे उन्होंने न्यू नॉर्डिक डायट के जरिए अधिक वजन कम किया.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- स्टडी के को-आर्थर प्रोफेसर आर्ने एस्ट्रुप के अनुसार, इंसान के शरीर में मौजूद इंटेस्टाइनल बैक्टीरिया को अधिक वजन और मोटापे से जोड़कर देखा गया है. जबकि कुछ बैक्टीरिया के प्रदर्शन से यह पता चलता है कि कुछ बैक्टीरिया वजन कम करने और वजन रेगुलेट करने में मदद करते हैं.
रिसर्च के नतीजे- रिसर्च के नतीजों में पाया गया कि कई गट बैक्टीरिया डायट के जरिए शरीर के असंतुलन को ठीक करते हैं. जैसे- शुगर कम करने, शराब या कॉफी पीने की मात्रा में कमी करने से ऐसा संभव है. इसके साथ ही प्री और प्रोबायोटिक्स डायट सप्लीमेंट्स के साथ लेने से भी ऐसा संभव है.
ये रिसर्च इंटरनेशनल ओबीसिटी जर्नल में पब्लिश हुई है. नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
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