नई दिल्लीः ब्रेस्ट कैंसर आज के समय में महिलाओं के लिए बहुत कॉमन समस्या  हो गई है. लेकिन सोचो अगर महिलाओं को बेस्ट कैंसर होने से पहले ही पता चल जाए तो कैसा होगा? जी हां. अब एक ऐसी ब्रा आ गई है जो समय से पहले ही ब्रेस्ट कैंसर को डिटेक्ट कर लेगी.


क्या है मामला-
मैक्सिको के 18 वर्षीय एक स्टूडेंट ने हाल ही में अपने इवा क्रिएशन के लिए ग्लोबल स्टूडेंट एन्टरप्रेनर अवॉर्ड (GSEA) जीता है. दरअसल, इस स्टूडेंट ने एक ऐसी इंटेलिजेंट ब्रा बनाई है जो कि ब्रेस्ट कैंसर को शुरूआत में ही डिटेक्ट कर लेगी.


जूलियन रियोस ने इस ब्रा को बनाने के पीछे अपनी मां को इसकी प्रेरणा बताया, जो कि बार-बार इस बीमारी से स्ट्रगल कर रही है.ब्रेस्ट कैंसर की वजह से इनकी दोनों ब्रेस्ट रिमूव कर दी गई.


जेनेटिक ब्रेस्‍ट कैंसर वाली महिलाओं के लिए खास है ये ब्रा-
इस ब्रा को तीन दोस्तों ने Higia Technologies नामक कंपनी के अंतर्गत बनाया, जो कि 200 बायोसेंसर्स, ब्रेस्ट के आकार, ब्रेस्ट के मोनिटर टेम्प्रेचर, शेप और वेट से सुज्जित है. जूलियन ने बताया कि इस यूनिक ब्रा को शुरूआत में उन महिलाओं के लिए बनाया जिनको ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक है या फिर होने की आशंका है.


ब्रा ही क्यों?
ईएल यूनिवर्सल को इंटरव्यू देने के दौरान जूलियन ने बताया कि उन्होंने ब्रा इसलिए बनाई क्योंकि ब्रेस्ट‍ सेम पोजीशन में रहती है तो इसको पहनना आसान है और इसे सिर्फ सप्ताह में एक घंटा ही पहनना है.


कैसे काम करती है ये ब्रा-
मॉन्टेरी में जूलियन इंजीनियरिंग स्टूडेंट है. इनका कहना है कि बायोसेंसर्स ब्रेस्ट के सरफेस एरिया को मैप करते हैं और विशेष जोन में काम करते हैं. जब हीट ज्यादा होती है तो इसका मतलब है कि ब्लड फ्लो बहुत ज्यादा है. ऐसे में संकेत मिलते हैं इन ब्लड वैसल्स में कुछ है जैसे टाइप्स ऑफ कैंसर या हार्डनेस.


क्या है बायोसेंसर्स –
इवा बायोसेंसर्स का एक नेटवर्क है जो कि महिलाओं के ब्रेस्ट को कवर करता है, उनके टेम्‍प्रचर के डाटा को एकत्रि‍त करता है और उनका विश्लेषण करता है. इसके बाद सारी सूचनाएं कंप्यूटर में मौजूद एप्लिकेशन में भेज देता है.


कैसे पता चलता है ब्रेस्ट कैंसर का-
जूलियन का कहना है कि जैसे ही ब्रेस्ट में ट्यूमर या कठोरता महसूस होती है तो ब्रेस्ट का टेम्प्रेचर बहुत हाई हो जाता है और ब्लड फ्लो बहुत तेज हो जाता है. इससे आसानी से डिटेक्ट हो सकता है कि कैंसर है या नहीं.


 
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.