दुनिया में सबसे ज्यादा भारतीय लोगों को ही डायबिटीज ही क्यों होती है? खान-पान तो दूसरे देशों में भी खराब है
यूरोपियन लोगों के मुकाबले भारत के लोग कम उम्र में ही डायबिटीज टाइप-2 की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. 'अमेरिका के डंडी यूनिवर्सिटी' के रिसर्च ने डायबिटीज से संबंधित एक रिपोर्ट पब्लिश की है.
यूरोपियन लोगों के मुकाबले भारत के लोग कम उम्र में ही डायबिटीज टाइप-2 की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. 'अमेरिका के डंडी यूनिवर्सिटी' के रिसर्च ने डायबिटीज से संबंधित एक रिपोर्ट पब्लिश की है. जिसमें इस बात अमेरिका के डंडी विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने एक स्टडी 'द जर्नल डायबिटीज केयर' में पब्लिश की है. जिसमें उन्होंने इस बात का खुलासा किया है. डायबिटीज एक जटिल बीमारी है. जो एक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी को धीरे-धीरे अपने गिरफ्त में करती जा रही है.
डायबिटीज के ज्यादातर आंकड़े यूरोपियन वेस्टर्न आंकड़ों को शामिल किया जाता है. टीम ने निदान की उम्र से जुड़े दो आनुवंशिक वेरिएंट की पहचान की जो यूरोपीय वंश के रोगियों की तुलना में दक्षिण भारतीय आबादी में बहुत अधिक आम हैं.
यूरोपियन के तुलना में भारतीयों को कम उम्र में ही होता है डायबिटीज
डंडी स्कूल ऑफ मेडिसिन और डॉ. मोहन डायबिटीज स्पेशलिटी सेंटर के प्रोफेसर कॉलिन पामर ने इस पूरे रिसर्च को लीड किया. जिसमें पहली बार टाइप 2 डायबिटीज के बारे में खुलकर बात की गई है. उन्होंने कहा कि कम उम्र में डायबिटीज होने का कारण जेनेटिक भी हो सकता है. भारतीयों को यूरोपीय लोगों की तुलना में कम उम्र में ही डायबिटीज की बीमारी घेर लेती है,जो मौत का कारण भी बनता है. रेटिनोपैथी और न्यूरोपैथी जैसी माइक्रोवास्कुलर जैसी दिक्कतें भी बढ़ने लगती है. स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. सुंदरराजन श्रीनिवासन के मुताबिक भारतीय ज्यादातर डायबिटीज के मरीज इसलिए बन रहे हैं क्योंकि उसका आधार जेनेटिक है.
शोधकर्ताओं ने दक्षिण भारतीय और यूरोपीय आबादी में टाइप 2 मधुमेह के निदान में उम्र की आनुवंशिक आनुवंशिकता में अंतर पाया. इसके अतिरिक्त, उन्होंने जांच की कि क्या टाइप 2 मधुमेह के निदान में उम्र के जीनोम-वाइड पॉलीजेनिक जोखिम स्कोर को विभिन्न वंशों के बीच स्थानांतरित किया जा सकता है या नहीं. निष्कर्षों ने निदान के समय उम्र के आनुवंशिकता अनुमानों में असमानता को उजागर किया और दक्षिण भारतीयों में पॉलीजेनिक भिन्नता की व्याख्या की.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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