पानी की वजह से बच्चों में हो रही है ऑटिज्म की दिक्कत, जानिए किस तरह का पानी नुकसान कर रहा है
Autism Spectrum Disorder: पानी में पाई जाने वाली अधिक मात्रा में लिथियम बच्चों में ऑटिज्म का कारण है. आजकल सप्लाई के पानी में लिथियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है.
Autism Spectrum Disorder: एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि पानी में पाई जाने वाली अधिक मात्रा में लिथियम बच्चों में ऑटिज्म का कारण है. आजकल सप्लाई के पानी में लिथियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है. जिसके संपर्क में प्रेग्नेंट महिला आती है जिसका असर उनके होने वाले बच्चों पर होता है. लेकिन दूसरी तरफ यह बात भी कही गई है कि पानी में पाए जाने वाले लिथियम और प्रेग्नेंट महिला का सीधा संबंध नहीं है. यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में हर साल 36 में से 1 बच्चे में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) का शिकार हो रहा है. ऑटिज्म का कारण जेनेटिक्स और खराब वातावरण के कारण भी हो सकता है.
2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑटिज्म का डेटा
न्यूयॉर्क-न्यू जर्सी में मामलों पर इस साल प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 2000 और 2016 के बीच कुछ आयु समूहों के बीच ऑटिज़्म निदान दर तीन गुना हो गई. 2021 की एक रिपोर्ट में मामलों में समान वृद्धि पाई गई, लेकिन सीडीसी का कहना है कि मामलों की बढ़ी हुई संख्या सबसे अधिक है हालत के लिए स्क्रीनिंग करने वाले अधिक डॉक्टरों से जुड़े होने की संभावना है.
अमेरिका के पानी में लिथियम का लेवल बढा हुआ है
जेएएमए पीडियाट्रिक्स मैगजीन में सोमवार को पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक डेनमार्क में लिथियम और ऑटिज्म निदान के बीच एक छोटा सा संबंध पाया गया. जहां शोधकर्ताओं का कहना है कि पीने के पानी में लिथियम का स्तर अमेरिकी जल प्रणालियों के समान है.
रिसर्च ने एएसडी के 8,842 मामलों और 43,864 प्रतिभागियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए 2000 और 2013 के बीच पैदा हुए बच्चों के लिए मानसिक विकार वाले लोगों के डेटाबेस की जांच की, जिनके पास एएसडी नहीं था. इसके बाद उन्होंने 151 सार्वजनिक वाटरवर्क्स में लिथियम की सघनता को मापा, जो डेनमार्क की आधी से अधिक आबादी की सेवा करता था और मैप किया गया था कि गर्भवती लोग संबंध में कहां रहते थे.
यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन के मुताबिक...
यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और यूसीएलए फील्डिंग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के प्रोफेसर अध्ययन सह-लेखक डॉ बीट रिट्ज ने कहा-जैसे-जैसे पानी में लिथियम का स्तर बढ़ता गया, एएसडी निदान का मामूली बढ़ा जोखिम था. विशेष रूप से, सबसे कम जोखिम स्तर वाले लोगों की तुलना में, गर्भावस्था के दौरान दूसरे और तीसरे उच्चतम जोखिम वाले लोगों में बच्चों में निदान किए गए एएसडी का जोखिम 24% से 26% अधिक था. उच्चतम एक्सपोजर वाले समूह में एक्सपोजर के निम्नतम स्तर वाले लोगों की तुलना में 46% अधिक जोखिम था. शोधकर्ता यह नहीं बता सके कि गर्भवती महिलाओं ने कितना पानी पिया, लेकिन उन्होंने आंशिक रूप से डेनमार्क को चुना क्योंकि वहां के निवासी यूरोप में बोतलबंद पानी की सबसे कम मात्रा का उपभोग करते हैं. शोध यह नहीं दिखा सकता है कि लिथियम एक्सपोजर सीधे ऑटिज़्म निदान की ओर जाता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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