17 हफ्तों की सिर्फ योग प्रैक्टिस ने 13 से 15 साल के बीच के 2,000 स्कूल जाने वाले किशोरों पर कमाल कर दिखाया है. जिससे किशोरों का तनाव कम, ध्यान में सुधार, वजन और अन्य मेटाबोलिक पैरामीटरों को कम किया है. यह सिर्फ प्रतिदिन 40 मिनट के शारीरिक व्यायाम से संभाव हुआ है. मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पता चला है. जिसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के द्वारा फाइनेंस किया गया था.इस अध्ययन के लिए दिल्ली और चेन्नई के 24 सार्वजनिक और निजी स्कूलों के छात्र शामिल किया गया था. योग में सांस लेने की व्यायाम, खिंचाव पोज, प्राणायाम और ध्यान को शामिल किया गया था. 


जानें योग के फायदे 


इस अध्ययन के लिए, स्कूली परिसर में प्रति सप्ताह एक बार प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा सत्र आयोजित किए गए. महीने में एक बार  ग्रुप को स्वस्थ जीवनशैली और पोषण पर पांच जागरूकता भाषण दिए गए जाते थे. इस अध्ययन के मुख्य प्रमुख लेखिका डॉ. रंजनी हरीश कहती है कि "हमने एक किशोरावसाद स्तर (एडोस्स) विकसित किया, जिसमें लार्वा कॉर्टिसोल, मेटाबोलिक और क्लिनिकल पैरामीटर और लेटर कैंसिलेशन टेस्ट (एलसीटी) टेस्ट किया था.


जिसमें हमलोगों ने पाया कि तनाव स्तर में पांच प्रतिशत की कमी पाई. हालांकि हमारा मुख्य ध्यान तनाव और मानसिक क्षमता पर था, जो कि उस उम्र के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. हमें उपयुक्त परिमाण में गतिविधिक मार्कर्स में सुधार देखकर खुशी हुई. कम ही समय में योग कर रहे छात्रों में शारीरिक वजन, चर्बी, कमर की परिधि, बीएमआई, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप और लार साकोर्टिसोल में कमी पाई गई थी लेकिन योग नहीं कर रहे छात्रों में कमी नहीं देखी गई है.”


योग से एटेंसशन और कंसंट्रेशन 18 प्रतिशत वृद्धि


डॉ. रंजनी हरीश कहती है कि जो लोग योग कर रहे थे उनमें एलसीटी स्कोर, जोकि मेजर करता है एटेंसशन और कंसंट्रेशन18 प्रतिशत बढ़ गई थी और जो लोग योग नहीं कर रहे थे उनके अंदर 7 प्रतिशत की कमी देखी गई है.  


योग से तनाव के करें कम 


एमडीआरएफ के अध्यक्ष डॉ. वी. मोहन के अनुसार, “यह अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि प्राणायाम किशोरों के तनाव और अशांत मन को कम करने में मदद कर सकता है. योग का निरंतर अभ्यास कर इसे कम किया जा सकता है. “


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.