Diabetes Patient Increased: कोरोना महामारी के बाद एक और बीमारी मरीज़ों की बढ़ती मौत की वजह बनती जा रही है. इस बीमारी को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके खुलासे चौकाने वाले हैं. दरअसल कोरोना में हुई मौत का तांडव हम सभी ने देखा पर कोरोना के बाद अब डायबिटीज एक ऐसी बीमारी बनकर उभरी है जिसमें रोगियों की मौत की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसकी एक वजह कोरोना महामारी संबंधित व्यवधान भी हो सकते हैं. सबसे डराने वाली बात ये है कि युवा और महिलाएं इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. विज्ञान पत्रिका द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च में ये तथ्य सामने आए हैं.
मधुमेह मरीज़ो की कम हो रही आंखों की रोशनी
डायबिटीज मरीजों को लेकर कोरोना महामारी से पहले और कोरोना के दौरान के आंकड़ों की तुलना करने वाली स्टडी की समीक्षा की गई. इस समीक्षा में पाया गया की महामारी के बाद डायबिटीज मरीज में आंखों की रोशनी कम होने की समस्या तेजी से बढ़ गई है. इसका सबसे खराब असर युवाओं और महिलाओं पर पड़ा है.
दुनिया भर में स्टडीज की समीक्षा
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO के वैज्ञानिकों सहित रिसचर्स की टीम ने दुनिया भर के 138 स्टडीज की समीक्षा की है. इनमें 39 अध्ययन उत्तरी अमेरिका, इतनी ही संख्या पश्चिमी यूरोप, 17 शोध एशिया और अन्य दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया व अन्य क्षेत्रों से संबंधित है. इनकी समीक्षा के जरिए डायबिटीज मरीजों पर महामारी से संबंधित व्यवधानों के प्रभाव की जांच की गई.
बच्चों में बढ़ी ये समस्या
रिसचर्स ने पाया की महामारी के बाद बच्चों और टीनएजर्स में भी डायबिटीज के मामले बढ़े हैं. दुनिया भर में बाल चिकित्सा आईसीयू ने डायबिटीज रिलेटेड मरीजों की संख्या चौंकाने वाली है. बच्चों और टीनएज में डायबिटिक केटोऐसीडोसिस के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. डीकेए डायबिटीज की कॉम्प्लिकेशन है जिसमें पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी होना जैसी समस्या हो सकती है.
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