बढ़ती उम्र के साथ घुटने, गर्दन और पीठ में दर्द आम बात हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं इन दर्द का लंबे समय तक बना रहना काफी मुश्किल खड़ी कर सकता है. यह आपकी याददाश्त, सीखने और समझने के शक्ति पर गहरा असर डाल सकते हैं. एक स्टडी में दावा किया गया है कि जो लोग गठिया या कैंसर जैसी बीमारियों की वजह से घुटने, गर्दन और पीठ में पुराने दर्द से परेशान हैं तो उन लोगों में डिमेंशिया विकसित होने का खतरा बना रहता है.
क्या होता है डिमेंशिया
डिमेंशिया एक बड़ी उम्र में होने वाली एक दिक्कत है जबकि कोई बीमारी नहीं है. दिमाग या मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने के बाद व्यक्ति के व्यवहार में आए बदलाव को डिमेंशिया कहते हैं. डिमेंशिया में मरीज शारीरिक रुप से नहीं, बल्कि मानसिक रूप से बीमार हो जाता है. यहां तक कि उसे रोजमर्रा के कामों के लिए दूसरे के सहारे की जरुरत पड़ती है.
चीनी वैज्ञानिकों की रिसर्च चाइनीज एकेडमी ऑफ सांइसेज के शोध के मुताबिक, जिन लोगों के कई साल पुराना दर्द है, उन लोगों को याद रखने, सीखने और समझने की क्षमता में भारी गिरावट देखी गई है.
क्या होता है मल्टी क्रॉनिक पेन?
मल्टी क्रोनिक पेन शरीर के कई हिस्सो में होने वाले पुरानें दर्द को कहा जाता है. ये मरीज की हेल्थ पर काफी असर डालते हैं और शरीर पर बोझ भी बनाता है. हालांकि, यह साफ नहीं है कि मल्टी क्रोनिक पेन से जूझ रहे वाले लोगों को नस संबंधी असामान्यताएं होती हैं या नहीं. मल्टी क्रोनिक को समझने के लिए पीएनएस पत्रिका में ऑनलाइन प्रकाशित की गई एक स्टडी में 354,943 लोगों के रिकॉर्ड का विश्लेष्ण किया गया.
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