सिडनी: किसी व्यक्ति को निमोनिया, जुकाम और ब्रॉन्काइटिस जैसे सांस संबंधी इंफेक्शंस होने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 17 गुना तक बढ़ जाता है. शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि इसका खतरा सांस संबंधी इंफेक्शंस की शुरुआत में जरूरी नहीं है. यह पहले सात दिनों में चरम पर होता है, फिर धीरे-धीरे कम होता है, लेकिन एक महीने तक बना रहता है.

सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और हार्ट स्पेशलिस्ट जिओफ्री टोफलर ने कहा कि हमारे निष्कर्ष पहले की सुझावों की पुष्टि करते हैं कि सांस संबंधी इंफेक्शंस दिल के दौरे का जोखिम बढ़ाने का काम करते हैं.

टोफलर ने कहा, "सांस संबंधी इंफेक्शन दिल के दौरे का खतरा क्यों बढ़ाते हैं, इसके संभावित कारण में खून का थक्का जमने की प्रवृत्ति, सूजन और रक्त वाहिकाओं को विषाक्त पदार्थ से नुकसान और खून के बहाव में बदलाव शामिल है."

इसके अलावा जो लोग मध्यम ऊपरी श्वसन नलिका में इंफेक्शन के लक्षणों जैसे कि जुकाम, फैरेगिंटिस, राहिनिटिस और सिनुसिटिस से पीड़ित हैं उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा 13 गुना होता है.

इस शोध का प्रकाशन इंटरनल मेडिसिन जर्नल में किया गया है.

नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.