Brain Stroke : भीषण गर्मी ने हालत खराब कर दी है. तपती धूप में निकलने से लू (Heat Stroke) लग रही है, जिससे जान तक चली जा रही है. ज्यादा देर तक तेज गर्मी में रहने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है. धूप में रहने से शरीर का टेंपरेचर 104 डिग्री फॉरेनहाइट या इससे ज्यादा होना हीट स्ट्रोक कहलाता है. इसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक तक आ सकता है.


साल 2021 में स्वीडन में हुई एक स्टडी में पता चला कि स्ट्रोक में मरने वालों की संख्या अब 50-60 प्रतिशत हो गई है, जो कोरोना में सिर्फ 2 प्रतिशत ही थी. ऐसे में जानना जरूरी है कि लू लगने से ब्रेन स्ट्रोक कैसे हो जाता है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए.


लू लगने से ब्रेन स्ट्रोक कैसे हो जाता है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लू लगने से ब्रेन स्ट्रोक आने का कारण डिहाइड्रेशन होता है. जब शरीर में पानी कम हो जाता है तब इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बिगड़ने लगता है. ऐसे में ब्लड ब्रेन बैरियर का फंक्शन बिगड़ जाता है. खून का फ्लो सही नहीं रहता और खून गाढ़ा हो जाता है और दिमाग में खून के थक्के बनने शुरू हो जाते हैं. जिनकी वजह से दिमाग में ब्लड सही तरह से सप्लाई नहीं हो पाता और स्ट्रोक आ जाता है. अगर इसका समय पर इलाज न कराया जाए तो जान भी जा सकती है.


क्या दिमाग ज्यादा गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाता है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब गर्मी बहुत ज्यादा होती है तो उसका असर दिमाग पर पड़ता है. इससे शरीर को सही कमांड नहीं मिल पाता और उसका कूलिंग सिस्टम फेल हो जाता है. जिसका सबसे ज्यादा असर दिमाग पर होता है और वह शरीर के तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता है. इससे ब्रेन के सेल्स डैमेज होने शुरू हो जाते हैं.


ब्रेन में मौजूद सेंसर भी काम करने बंद कर देते हैं. इससे शरीर का रेस्पिरेटरी सिस्टम यानी सांस लेने की प्रक्रिया और हार्ट सिस्टम फेल हो सकता है. जब ब्रेन में ऑक्सीजन और ब्लड की सही तरह नहीं पहुंच पाते हैं तो सेल्स डैमेज हो जाते हैं और स्ट्रोक आ जाता है.


ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
1. अचानक से सिर में तेज दर्द
2. चक्कर आना
3. तेज धूप में बेहोशी
4. धुंधला नजर आना


ब्रेन स्ट्रोक से कैसे बचें
1. दोपहर में घर से बाहर न निकलें
2. धूप में जाएं तो सिर कवर करें.
3. हर एक घंटे पर पानी पिएं.
4. सिर दर्द या चक्कर आने पर तुरंत अस्पताल जाएं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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