टेम्प्रेचर रिलेटिड इश्यूज और वायरल इंफेक्शन-
बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर ऑफ इंटरनल मेडिसिन के डॉ. आर.के.सिंघल का कहना है कि फूड और वॉटर बोर्न डिजीज भी इनमें कॉमन हैं. 50 पर्सेंट मामलों में गैस्ट्रोएन्टराइटिस यानि पेट में और आंत में जलन, साथ ही फीवर के मामले आ रहे हैं. ये समस्याएं टेम्प्रेचर रिलेटिड इश्यूज और वायरल इंफेक्शन के कारण हो रही हैं.
डॉ. सिंघल का कहना है कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.
- हीट एग्जर्शन से बचने के लिए हाइड्रेशन मेंटेन करना जरूरी है.
- रोड साइड फूड और बाहर का जूस ना पींए. ये दोनों ही चीजें डायरिया के लिए जिम्मेदार हैं.
वेंकेटशवर हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. चारू गोयल सचदेवा का कहना है कि गर्मी बढ़ते ही सबसे ज्यादा बच्चे और बड़ी उम्र के लोग बीमार पड़ते हैं.
सिम्टम्स-
गर्मी बढ़ने के साथ ही थकान होना, चक्कर आना, सिर दर्द होना, बेहोशी छाना और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी चीजें होने लगती हैं. पिछले एक सप्ताह से 30 फीसदी मरीज इन्हीं सिम्टम्स के साथ हॉस्पिटल में आ रहे हैं.
सावधानी ही है समझदारी-
अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसलटेंट डॉ. सुरनजीत चैटर्जी का कहना है कि अगर आपने सावधानी नहीं बरती या ध्यान नहीं दिया तो कॉमन सी थकान भी स्ट्रोक या फिर कार्डियोवस्कुलर एब्नॉर्मलिटी का कारण बन सकती है.
- डॉक्टर ने सलाह दी है कि इस मौसम में फ्रेश फूड और गर्मागर्म खाना खाएं.इससे आप फूड और वॉटर बोर्न डिजीज से बच सकते हैं.
- जब भी आप घर से बाहर निकलें तो पानी साथ रखें.
- रोडसाइड मिलने वाले फ्रूट जूस हमेशा सेफ नहीं होते.
- लंबे समय तक तेज गर्मी में बाहर रहने से हीट क्रैम्प्स और हीट स्ट्रोक हो सकता है. अगर आप गर्मी में घर से बाहर हैं तो अपने साथ छतरी रखें या फिर डायरेक्ट सनलाइट से बचने के लिए हैट पहनें.
- बॉडी में फ्लूड मेंटेन रखने के लिए खूब पानी पीएं.
- जो लोग डायबिटीज, हार्ट डिजीज या फिर किसी अन्य गंभीर बीमारी से गुजर रहे हैं उन्हें एक्ट्रा केयर करनी चाहिए.