इन दिनों एक खास तरह की बीमारी साउथ के लोगों को काफी ज्यादा परेशान कर रही है. आए दिन इसके केसेस बढ़ते जा रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक आए दिन हमारे पास ऐसे मरीज आ रहे हैं. जिन्हें सूरज की किरणों से होने वाली एलर्जी और विटामिन डी कमी की शिकायत हो रही है. सुबह और शाम के समय धूप सेंकना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता था. जो शरीर के विटामिन-डी सेवन में सहायता करता है और त्वचा को लाभ पहुंचाता है. अब इसमें बदलाव आ गया है.
धूप में 20 मिनट को घटाकर 5-10 मिनट कर दिया गया है
बढ़ते तापमान के साथ डॉक्टर विटामिन-डी की कमी और सूरज से एलर्जी वाले व्यक्तियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही हैं. आर्थोपेडिक्स, त्वचा विशेषज्ञ और ऑन्कोलॉजिस्ट सहित चिकित्सा पेशेवरों को सावधानी बरतने के लिए प्रेरित किया है. जो अब धूप में निकलने की सलाह देने से झिझक रहे हैं. धूप में निकलने की पहले अनुशंसित अवधि 20 मिनट को घटाकर 5-10 मिनट कर दिया गया है.त्वचा विशेषज्ञ और डर्मो-सर्जन डॉ. अनघा सुमंत ने कहा कि कई मरीज़ एलर्जी और कमियों के साथ आ रहे हैं. अब उन्हें सलाह दी जा रही है कि वे अपनी पीठ के ऊपरी हिस्से पर 5-10 मिनट तक धूप में न निकलें और साथ ही उजागर क्षेत्रों पर पर्याप्त मात्रा में सनस्क्रीन लगाएं.
95% बेंगलुरुवासियों में विटामिन-डी की कमी
सूरज के नीचे बैठने का सबसे अच्छा समय सुबह 8 बजे से पहले और दोपहर 3.30 बजे से शाम 5 बजे के बीच है, जब गर्मी की लहरें तेज़ नहीं होती हैं. दयानंद सागर विश्वविद्यालय के आर्थोपेडिस्ट और प्रोफेसर डॉ. अविनाश सीके ने कहा, लगभग 95% बेंगलुरुवासियों में विटामिन-डी की कमी है. त्वचा विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि सनस्क्रीन से विटामिन डी की कमी नहीं होती है.
'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक चकत्ते, जलन, रंजकता और बहुरूपी प्रकाश विस्फोट सहित सूरज की एलर्जी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है. लगभग 20% मरीज़ प्रतिदिन ऐसी समस्याएं पेश करते हैं, बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. इसलिए, लोगों को अब हर छह महीने में नियमित त्वचा और विटामिन स्तर की जांच की सलाह दी जा रही है.
'स्पर्श अस्पताल' के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नारायण सुब्रमण्यम के मुताबिक सूरज का संपर्क हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें बढ़ते तापमान के साथ सूरज से होने वाली त्वचा की क्षति के प्रति सचेत रहना चाहिए. गर्मियों के दौरान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच सीधे सूर्य के संपर्क को सीमित करने की सलाह दी जाती है, सनस्क्रीन (कम से कम एसपीएफ़ 30 और यूवी-ए और यूवी-बी किरणों से बचाने में सक्षम) और लंबे समय तक धूप से बचने के लिए बाहर निकलने से पहले सुरक्षात्मक कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। त्वचा की क्षति जो कैंसर का कारण बन सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.