सर्दी के मौसम में नवजात शिशुओं को विशेष देखरेख की आवश्यकता होती है. थोड़ी सी लापरवाही आपसे आपकी खुशियां छीन सकती है. सर्दियों में ठंड से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं. बड़े, बुजुर्ग, बच्चे सभी सर्दियों में धूप में बैठते हैं. कहा जाता है धूप से स्किन काली या खराब हो जाती है और इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं. लेकिन, ये बात पूरी सच नहीं है. धूप से सेहत को कई फायदे मिलते हैं. विशेषकर बच्चों और नवजात शिशु के लिए धूप लाभकारी होती है.


नवजात शिशु के पैदा होने के करीब 18 से 20 दिन के बाद उसे धूप में बैठना चाहिए. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के पीडियाट्रिक विभाग के शोध में यह खुलासा हुआ कि गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी का असर नवजात शिशुओं में देखने को मिलता है. इससे बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. इसे दूर करने के लिए जन्म के 5 से 15 दिन बाद सर्दी में नियमित रूप से शिशु को 15 से 20 मिनट धूप में जरूर ले जाना चाहिए.


 रिसर्च में निकली ये बात 


AIIMS पीडियाट्रिक विभाग की ओर से किए गए शोध में ढाई महीने से 3.5 महीने के 1200 स्वस्थ नवजात शिशु और माताओं पर यह शोध किया गया. इस रिसर्च में पाया गया कि विटामिन डी की कमी के चलते हाइपरपैराथॉराडिज्म की स्थिति देखी गई जो बाद में चलकर हड्डियों के विकार, मॉल न्यूट्रिशन व त्वचा संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है.  इस शोध में 43 शिशुओं का सर्दियों में अध्ययन किया गया जबकि 51 बच्चों का चयन गर्मियों के अध्ययन के लिए किया गया.


पीडियाट्रिक्स विभाग की प्रमुख शोधकर्ता डॉ वंदना जैन ने बताया कि जिन शिशुओं में विटामिन डी की कमी पाई गई उनकी माताओं में पहले से इसकी कमी थी. विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए सर्दियों में बच्चों को 15 दिन के बाद नियमित रूप से 15 से 20 मिनट धूप में जरूर लेकर जाना चाहिए. 


क्या है सही समय


नवजात शिशु को दो से तीन हफ्तों के बाद 15 से 20 मिनट धूप में बिठाना चाहिए. नवजात शिशुओं को सुबह 7 से 10 के बीच धूप में लेकर जाएं.  इस समय धूप से सबसे ज्यादा फायदे मिलते हैं. सूरज निकलने के 1 घंटे बाद और सूरज ढलने के 1 घंटे पहले आप अपने शिशुओं को धूप में लेकर जा सकते हैं. ध्यान रखें बच्चों को 20 से 25 मिनट से ज्यादा धूप में ना रखें क्योंकि उनकी स्किन सेंसिटिव होती है जिसके कारण उन्हें अन्य तकलीफ हो सकती है.


धूप से मिलने वाले फायदे


नवजात शिशु को धूप में रखने से मेलाटोनिन बनने में काफी मदद मिलती है जो बेबी के स्लीप पेटर्न को रेगुलेट करता है. धूप से मेलाटोनिन लेवल गिरता है और सेरोटोनिन बनता है जिससे एनर्जी लेवल बढ़ता है और मूड भी बच्चों का अच्छा रहता है.


अक्सर आपने देखा होगा नवजात बच्चों को पीलिया की शिकायत आने लगती है. धूप बिलीरुबिन को तोड़ने में मदद करती है. यह एक पीले रंग का तत्व होता है जो नैचुरल कैटाबोलिक पैथवे में बनता है.  बिलीरुबिन बढ़ने पर शिशु की स्किन पीली पड़ जाती है. इसलिए 15 से 20 मिनट तक धूप में रहने से शिशु में पीलिया के लक्षण कम हो जाते हैं.


-धूप लेने से डायबिटीज जैसी बीमारियां कम होती हैं. धूप बॉडी में इन्सुलिन लेवल को बनाए रखती है.


-धूप से बच्चों को विटामिन डी मिलता है जो कैल्शियम को अब्सॉर्ब करने में मदद करता है. इससे बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं


यह भी पढ़े:


Breast Cancer: महिलाओं के लिए जरूरी जानकारी, ब्रेस्ट कैंसर से बचने और इसके इलाज के दौरान नहीं खानी चाहिए ये चीजें