Addison Disease: गुरुवार को बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने सोशल मीडिया पर दिल का दौरा पड़ने का खुलासा किया. अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट शेयर किया और एंजियोप्लास्टी कराने का जिक्र किया. उन्होंने अपने पिता के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- मुझे कुछ दिन पहले दिल का दौरा पड़ा था...एंजियोप्लास्टी हुई है...स्टेंट सही जगह पर है और सबसे जरूरी बात यह है कि मेरे हार्ट रोग विशेषज्ञ ने पुष्टि की है कि मेरा दिल बड़ा है. कार्डियोमेगाली वाले लोगों में कोई संकेत नहीं दिखते हैं लेकिन सांस की तकलीफ और अनियमित दिल की धड़कन वह महसूस करते हैं. 


सुष्मिता सेन ने झेला था इस बीमारी का दर्द,


एक बड़ा दिल जो आमतौर पर ज्यादा प्यार करने वाले इंसान के बारे में समझ आता है लेकिन आपको बता दें कि दिल का आकार बढ़ना बेहद खतरनाक होता है. यह कोई बीमारी नहीं बल्कि दूसरी बीमारी का संकेत है. दिल का साइज बढ़ना किसी दूसरी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है. कभी-कभी तनाव दिल के बड़ा होने का कारण बन सकता है. कार्डियोमेगाली वाले लोगों में कोई संकेत नहीं दिखते हैं लेकिन सांस का फूलना और बेचैनी-घबराहट होती है. अगर आपको इस तरह के लक्षण नजर आते है तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. 


2014 में सुष्मिता ने एडिसन रोग होने का खुलासा किया था


2020 में सुष्मिता सेन ने एडिसन बीमारी के साथ जीने की बात कही थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी सेहत के बारे में खुलकर बात की थी. उन्होनें बताया सितंबर 2014 में एडिसन की बीमारी नामक एक ऑटोइम्यून स्थिति का पता चलने के बाद, मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मेरे पास जीने के लिए अब कोई वजह नहीं बची है... एक थका हुआ शरीर तनाव काफी परेशान करता है. मेरी आंखों के नीचे काले घेरे हो गए थे. यहां तक ​​कि मैंने 4 सालों तक के बुरे समय को झेला. कोर्टिसोल का ऑप्शन स्टेरॉयड लेने और इसके नुकसान के साथ जीने के लिए इसका असर पड़ा. पुरानी बीमारी के साथ जीने से ज्यादा थका देने वाला कुछ नहीं है.


एडिसन बीमारी क्या है?


एडिसन रोग एक ऑटोइम्यून बीमारी है. यह बीमारी काफी गंभीर और खतरनाक है. डॉक्टर का कहना है कि यह बीमारी आमतौर पर महिलाओं में होती है और ज्यादातर मामलों में तब होती है जब इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. यह बीमारी स्वास्थ्य पर भारी पड़ती है क्योंकि दोनों हार्मोन इंसान के लिए बहुत जरूरी हैं. कोर्टिसोल हार्मोन शरीर को तनाव से निपटने में मदद करता है. यह शरीर में ब्लड प्रेशर के स्तर को बनाए रखता है. एल्डोस्टेरोन खून में सोडियम और पोटेशियम के स्तर को संतुलित करता है और बाद में गुर्दे की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है.


क्या एडिसन रोग और दिल के दौरे के बीच कोई कनेक्शन है?


शरीर में क्रोनिक कोर्टिसोल की कमी के कारण एडिसन के रोगियों को कार्डियोवैस्कुलर बीमारी का खतरा होता है. कोर्टिसोल एक हार्मोन है जो इम्यून सिस्टम के स्तर और सूजन को नियंत्रित करता है और इसकी कमी से इन प्रणालियों में असंतुलन हो सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और एथेरोस्क्लेरोसिस दिल की बीमारी का खतरा हो सकते हैं. एडिसन रोग वाले व्यक्तियों को उचित हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से गुजरना पड़ता है. नियमित जांच-पड़ताल और लाइफस्टाइल में दिल के स्वास्थ्य की निगरानी में जरूरी भूमिका निभा सकते हैं.


इन लक्षणों को ना करें इग्नोर


एडिसन बीमारी से भारत में लगभग 10,000 से 20,000 व्यक्तियों में से 1 इंसान ही पीड़ित होता है, उनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं. हालांकि इसके लक्षणों को तुरंत पहचानना आवश्यक है, क्योंकि देरी से पहचानना लाइफ के लिए खतरनाक हो सकता है, इसमें मरीज ज्यादातर थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, वजन घटने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं. साथ ही मरीज त्वचा के कालेपन से पीड़ित हो सकते हैं. कुछ रोगियों को पेट में दर्द, उल्टी, दस्त और नमकीन खाने की इच्छा की भी शिकायत होती है. एडिसन रोग वाले व्यक्तियों को भी मूड में बदलाव, चिंता हो सकती हैं.