अब जीका वायरस और डेंगू को ब्लॉक करने का नया तरीका आया सामने!
डेंगू और जीका वायरस को ब्लॉक करने के लिए स्टडी हाल ही में एक रिसर्च की गई. जानें क्या कहती है रिसर्च.
नई दिल्लीः हाल ही में हुई एक रिसर्च में मच्छर जनित डेंगू वायरस और जीका वायरस के संचरण को रोकने के लिए एक स्थायी पद्धति उपयोगी साबित हुई है. जानें, क्या है ये फिक्स मैथड.
मेलबर्न और ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कुआलालंपुर में बताया कि बैक्टीरिया वल्बाचिया के स्ट्रेन का उपयोग करने से मच्छरों को मनुष्यों में वायरस को स्थानांतरित करने से रोका जा सकता है. शोधकर्ताओं ने डेंगू के मामलों को सफलतापूर्वक कम करने में उपलब्धि हासिल कर ली है.
प्रकाशित डेटा करंट बायोलॉजी में बताया गया कि वल्बाचिया के ‘wAlbB’ स्ट्रेन को ले जाने वाले मच्छरों को जब छोड़ा गया तो डेंगू के मामलों में 40 फीसदी तक की कमी आई है.
इससे पहले मेलबर्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर्य हॉफमैन सहित वैज्ञानिकों ने वल्बाचिया बैक्टीरिया के एक अलग स्ट्रेन का उपयोग करके मच्छरों को रिलीज किया गया है, लेकिन ये स्ट्रेन उस समय कुछ स्थितियों में ये आक्रमण करने में सक्षम था, तो यह पूरी तरह उपयुक्त नहीं दिखाई दिया.
अब, मेलबर्न, ग्लासगो और मलेशिया के शोधकर्ताओं की इस अंतरराष्ट्रीय टीम ने दिखाया है कि वल्बाचिया का डब्ल्यूएएलबी स्ट्रेन 36 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक के तापमान में भी स्थिर और प्रभावी है.
मेलबर्न यूनिवर्सिटी के बायो 21 इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर हॉफमैन ने कहा कि ये निष्कर्ष उन कई देशों में अलग-अलग आ सकता है जिनके यहां डेंगू फैला हुआ है. लेकिन उन्होंने दावा किया कि ये स्ट्रेन काफी प्रभावी है.
एमआरसी-यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के प्रोफेसर स्टीवन सिंकिन्स ने कहा कि यह सफलता उन देशों के लिए खुशखबरी है जो मच्छर जनित बीमारियों को सहन करते हैं.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.Check out below Health Tools-
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