नॉर्थ इंडिया में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. बीते चार दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने लोगों की सेहत बिगाड़ दी है. अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की भीड़ उमड़ रही है. कई अस्पतालों में ठंड से होने वाली इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में 45 फीसदी तक इजाफा हुआ है. हालात यह हैं कि शुगर और हृदय रोगियों को खास तौर पर सावधान रहने की सलाह दी जा रही है.


सर्दियों के कारण इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा


नॉर्थ इंडिया में शीतलहर चल रही है. सिर पर हवा लगने से सिर में दर्द होने लगा है. नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर रही ठंडी हवा साइनस और टॉन्सिल की समस्या भी बढ़ा रही है. दरअसल, बदलते मौसम को बर्दाश्त करने के लिए शरीर को तैयार करना होगा और रोजाना योगा वर्कआउट करना होगा नहीं तो ठंड बढ़ने के साथ हाइपोथर्मिया का खतरा भी बढ़ जाता है.


हमारे शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए लेकिन इस मौसम में तापमान में तेजी से गिरावट आने से शरीर का तापमान भी गिर जाता है और जब यह 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाता है. जब यह स्थिति होती है तो शरीर में बहुत ज्यादा कंपकंपी और थकान महसूस होती है और नींद भी ज्यादा आती है लेकिन इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. क्योंकि इसका सीधा असर हृदय और दिल की नसों के फंक्शन पर पड़ता है. कई बार तो व्यक्ति की जान भी चली जाती है. लेकिन अगर किसी को 'हाइपोथर्मिया' हो जाए तो उस व्यक्ति के शरीर को कैसे गर्म किया जाए? 


 हाइपोथर्मिया के लक्षण


लगातार छींक आना


आंखों से पानी आना


सिर में भारीपन


सीने में जकड़न


शरीर में दर्द


तेज सांस लेना


थायराइड की कमी


मधुमेह


एनीमिया


हल्का वजन


निर्जलीकरण


ठंड बर्दाश्त न करना


रक्त संचार खराब होना


विटामिन बी-12 की कमी


हाइपोथर्मिया मरीज को क्या खाना चाहिए?

चुकंदर


मटर


अनार


सेब


किशमिश


विटामिन बी-12


डेयरी उत्पाद


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सोयाबीन


अखरोट


बादाम


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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