Swimming Benefits in Arthritis: स्विमिंग से दूर होता है आर्थराइटिस (Arthritis ) का दर्द. यदि आप नियमित रूप से स्विमिंग करते हैं तो आपको आर्थराइटिस के दर्द से पूरी तरह छुटकारा मिल सकता है. क्योंकि दुनिया की बेस्ट एक्सर्साइज में से एक है स्विमिंग. इसमें आपके शरीर के ज्यादतर पार्ट्स एक टाइम पर एक्टिव होते हैं और पूरा शरीर इसमें इनवॉल्व होता है. यही वजह है कि जो लोग तेजी से वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें भी स्विमिंग की सलाह दी जाती है. आर्थराइटिस में स्विमिंग से कैसे फायदा मिलता है, यहां इसी बारे में बताया गया है...


क्या है आर्थराइटिस?



  • आर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें आपके शरीर के जोड़ों में दर्द होता है और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह समस्या और दर्द दोनों ही बुरी स्थिति में पहुंचने लगते हैं. 

  • आर्थराइटिस मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है और इनके नाम है, ओस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइडआर्थराइटिस.

  • ओस्टियोआर्थराइटिस में शरीर के जॉइंट्स के टिश्यू काफी सख्त हो जाते हैं और हड्डियों के अंतिम सिरे को कवर करने वाले टिश्यू निष्क्रिय होने लगते हैं, जिससे उठते और बैठते समय जोड़ों में दर्द होता है.

  • आर्थराइटिस का दूसरा प्रकार है, रूमेटाइडआर्थराइटिस. इस बीमारी की शुरुआत जॉइंट्स की दोनों हड्डियों के सिरे से होती है. ये हड्डियों की ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद जोड़ों पर अटैक करने लगता है. आर्थराइटिस के लक्षण और उपचार के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें


स्विमिंग आर्थराइटिस का दर्द कैसे कम करती है?



  • सबसे पहला कारण है कि स्विमिंग से वजन कंट्रोल होता है और शारीरिक फिटनेस बढ़ने पर आर्थराइटिस का दर्द भी कम होता है. 

  • स्विमिंग से मसल्स की स्ट्रेंथ बढ़ती है. इस कारण दर्द की तीव्रता में कमी आती है और शरीर की सहनशक्ति भी बढ़ती है. इसलिए दर्द कम होता है.

  • स्विमिंग के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. इससे मसल्स की स्टिफनेस कम होती है और फ्लैग्जिब्लिटी बढ़ती है.

  • आर्थराइटिस पेशेंट्स के लिए स्विमिंग इसलिए भी लाभकारी है क्योंकि पेनफुल जॉइंट्स की एक्सर्साइज में पानी बहुत सपोर्ट करता है. जब आप तैरते हैं तो शरीर पानी के अंदर होता है, जो एक प्रकार की जल चिकित्सा के रूप में काम करता है. हमारा शरीर भी 70 प्रतिशत पानी ही है और जब आप तैरते हैं तो शरीर का 90 प्रतिशत तक भार पानी वहन कर रहा होता है और आपके जॉइंट्स पर शरीर का वजन कम पड़ता है, जिससे मूवमेंट्स के दौरान दर्द कम होता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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