एक्सप्लोरर

स्वस्थ रहने के लिए स्वाइन फ्लू के ‘पैरों’ पर करें वार

स्वाइन फ्लू से सावधान करने की अपनी सीरीज के दूसरे लेख में हमने आपको बताया था कि हाथ को बार-बार धोकर स्वाइन फ्लू को थामा जा सकता है. लेकिन ऐसा नही कि सिर्फ हाथ की सफाई करके ही इससे बचा जा सकता है. अगर ऐसा होता तो फिर साफ सफाई पसंद लोग भी स्वाइन फ्लू की चपेट में कैसे आ रहे हैं. क्या है वो कारण जो स्वाइन फ्लू को दौड़ने ही नही बल्कि उड़ने की ताकत देते हैं.

2009 से लेकर अब तक स्वाइन फ्लू भारत में 5000 लोगों को हमसे छीन चुका है. इस साल भी स्वाइन फ्लू के फैलने की शुरूआत हो चुकी है. सर्दियां आते-आते इसके और बढ़ने की आशंका है. स्वाइन फ्लू का वायरस हवा के साथ फैलता है. इसके फैलने के चक्र को रोका जा सकता है. एबीपी न्यूज ने स्वाइन फ्लू से देश को जागरूक करने की मुहिम शुरू की है. लेकिन ऐसा होना एक शख्स के बिना संभव नहीं है और वो शख्स हैं आप. कैसे? इसी पर है सीनियर प्रोड्यूसर मनीश शर्मा की ये सीरीज… स्वाइन फ्लू से सावधान! आज तीसरी कड़ी.

स्वाइन फ्लू से सावधान करने की अपनी सीरीज के दूसरे लेख में हमने आपको बताया था कि हाथ को बार-बार धोकर स्वाइन फ्लू को थामा जा सकता है. लेकिन ऐसा नही कि सिर्फ हाथ की सफाई करके ही इससे बचा जा सकता है. स्वाइन फ्लू पैरों से भी दौड़ता है. वो कैसे, ये हम आपको समझाएंगे इस तीसरे लेख में.  क्यों एसे लोग भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाते हैं जो साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखता है. ये हैं स्वाइन फ्लू के पैर दरअसल वो स्वाइन फ्लू की चपेट में आते हैं स्वाइन फ्लू की पैरों के चलते. क्योंकि स्वाइन फ्लू अगर हाथों से चलता है तो पैरों से दौड़ता है. कुछ ऐसे कारण हैं जिससे स्वाइन फ्लू अपने पैरों से इतनी तेज दौड़ता है कि उसे उड़ना भी कह सकते हैं. स्वाइन फ्लू, इससे ग्रस्त व्यक्ति के खांसने या छींकने से भी फैलता है. मरीज के छींकने से इसके कीटाणु हवा में तैरने लगते हैं और उसी जगह पर आप पहुंच जाएं तो सांस के जरिेए ये आपके अंदर प्रवेश कर सकते हैं और इससे संक्रमित हो सकते हैं. तो स्वाइन फ्लू के जिस पैर की बात हम कर रहे हैं वो यही है. कैसे फैलता है छींक से स्वाइन फ्लू कैसे? जवाब बताने से पहले आप किसी छींकते हुए इंसान को याद किजीए. लंबी सांस खींची जाती है, सीने की मांसपेशियां तन जाती हैं, फिर फेफड़ों से पूरी हवा भरते हुए वो छींकता है. छींक इसलिए आती है क्योंकि हमारा बदन सांस के मामले में अवरोध सहन नहीं करता. कभी धूल, कभी कोई बारीक कण, कभी प्रदूषण कभी श्वास नली में आने वाले मकस जिसे कई बार हम कफ या बलगम कह देते हैं. कुछ भी श्वास नली में आएगा तो बदन पूरी ताकत से उसे बाहर फेंकता है. यहीं से शुरू होता है बीमारी का नया चक्र. यहीं से शुरू होता है स्वाइन फ्लू की दौड़ का उड़ान में बदलना भी . छींकने पर नाक या मुंह से कुछ बूंदें बल्कि कहना चाहिए बूंद के माइक्रो कण छिटक कर दूर चले जाते हैं. ऐसे में अगर स्वाइन फ्लू का मरीज छींकता है उसके जरिये स्वाइन फ्लू के किटाणु हवा में फैलते हैं, जो दूसरों तक इस बीमारी को पहुंचा देते हैं. कितनी देर और दूर तक जाते हैं  वायरस  आम धारणा ये है कि छींक से निकले कुछ कण भारी होते हैं जो 6 फीट दूर तक चले जाते हैं. हल्के कण तो हवा के साथ तैरते हुए दूर तक निकल जाते हैं. लेकिन कैम्ब्रिज में मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान की बी. लाइडिया के एक रिसर्च के मुताबिक भारी कण 26 फीट दूर तक भी जा सकते हैं और दस मिनट तक तैरते रह सकते हैं. मरीज की छींक से निकले भारी कणों में बीमारी के ज्यादा वायरस हो सकते हैं. लाइव सांइस वेबसाइट के मुताबिक एक छींक में करीब 40 हजार छोटे और बड़े कण होते हैं और करीब 320 किलोमीटर प्रतिघंटे के हिसाब से रिलीज किए जाते हैं. इन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता. हवा से फैलता है स्वाइन फ्लू यानि हवा में बिखरे ये वायरस ही वो वजह है जिससे साफ सफाई रखने वाले भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाते हैं. हवा में फैले हुए इन महीन कणों को डॉक्टर्स डॉपलैट कहते हैं. मेट्रो हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट डॉ आशुतोष सिंह ने बातचीत में आमतौर पर साफ सफाई बरतने वाले लोग भी इसी तरह किसी के अस्वच्छ बर्ताव का शिकार हो मरीज बन जाते हैं.  लोग छींकते हैं, खांसते हैं और खुले में थूकते हैं, ऐसे में किसी मरीज के मुंह और नाक से फेंकी गई डॉपलैट हवा में मौजूद रहती है और जो उसके संपर्क में आया उसे बीमार कर देती है. ग्राफिक के जरिए जानें: स्वाइन फ्लू होने की वजह और बचाव के तरीके ... swine WHO की सुनिए अब इसमें दो सलाह है. एक तो WHO की सलाह है, जिसमें कहा गया है कि फ्लू या इन्फ्लूएंजा के सीजन में भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने अनजाने किसी की छींक-खांसी के कणों से बीमार होने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में वायरस हाथों से ये हवा से फैल सकता है. यही वजह है कि स्कूलों में, मॉल में भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोग ज्यादा बीमार होते हैं. ये आंकड़े आपको जरूर चौंका देंगे. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दावा किया है कि हर साल दुनिया भर में 50 लाख लोग फ्लू जैसे संक्रामक रोगों से गंभीर रूप से बीमार होते हैं. वहीं करीब ढाई से पांच लाख मौत इसी तरह के रोगों से होती हैं. यहां-यहां सावधान रहना जरूरी है सर गंगाराम हॉस्पिटल में संक्रामक बीमारियों का इलाज करने वाले डॉ अतुल गोगिया कि सलाह है कि लिफ्ट और कार जैसी जगहों में और भी सावधानी बरतें, क्योंकि लिफ्ट में एक बीमार आदमी की छींक लिफ्ट में मौजूद हर शख्स को बीमार कर सकती है.डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू से बचने के लिए आप भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहे, मरीजों या अस्पताल में जाते वक्त खास तौर पर सावधानी बरतें. चेहरे पर मास्क लगा कर रखें. मास्क ना हो तो रुमाल रखिए. इस तरह दूसरों को बचाएं अगर बीमार हो गए हैं, छींक रहे हैं खांस रहे हैं तो आपकी जिम्मेदारी है कि ये बीमारी दूसरों तक ना फैले. डॉ अतुल गोगिया सलाह देते हैं कि छींकते वक्त नाक पर रुमाल रखिए ताकि वायरस फैले नहीं. रुमाल को अपनी जेब में रखें और किसी के साथ भी शेयर ना करें. रुमाल ना हो तो टिश्यू पेपर रखिए. टिश्यू पेपर नमी को जल्दी से सोख कर वायरस को पनपने की जगह नहीं देता. टिश्यू पेपर को तुरंत डिस्पोज करें ताकि उसमें मौजूद वायरस कहीं और टच ना हों. अगर टिश्यू पेपर ना हो तो अपनी बाजू को मोड़िए और कंधे के पास कपड़े पर छींक दीजिए. अटपटा जरूर लगेगा पर ये बीमारी को फैलने से रोकेगा. अगर कुछ भी ना हो तो हाथ का इस्तेमाल करें और फिर हाथों को तुरंत साबुन से धोएं. स्वस्थ रहें - स्वस्थ रखें ये हेल्दी आदत है. ये जिम्मेदारी की आदत है. कृपया ना खुद बीमार पड़ें और ना दूसरों को बीमारी बांटे.  स्वस्थ रहने के लिए देश को अपनी आदत बदलनी ही होगी. डॉ अतुल गोगिया कई स्वाइन फ्लू के मरीजों का इलाज कर चुके हैं. डॉ गोगिया कहते हैं कि  “ स्वाइन फ्लू से डरने की जरूरत नहीं है. स्वाइन फ्लू भी बाकी फ्लू की तरह ही है. 90 फीसदी मामलों में तो कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन इसे फैलने से रोका जाना जरूरी है." अगर आपने स्वाइन फ्लू का ये पैर तोड़ दिया तो यकीन जानिए कि फ्लू के सीजन में देश में इतनी तादाद में मरीज नहीं होंगे. बीमारियां काबू में रहेंगी. आप भी स्वस्थ रहेंगे और आपके अपने भी. इस सीरीज से संबंधित कोई सवाल, सुझाव या प्रतिक्रिया मनीश शर्मा को इन प्लेटफॉर्म के जरिए दे सकते हैं- https://www.facebook.com/manishkumars1976 twitter.com/@manishkumars यहां पढ़ें,  स्वाइन फ्लू जागरूकता सीरीज का दूसरा पार्ट - 2 डरिए नहीं बल्कि ऐसे तोड़िए स्वाइन फ्लू के 'हाथ'...

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'104 साल का हूं, अब तो रिहा कर दो', मर्डर के दोषी की याचिका, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
'104 साल का हूं, अब तो रिहा कर दो', मर्डर के दोषी की याचिका, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
CM Nitish Kumar: 'भूलिएगा मत...', सीएम नीतीश का दावा- बिहार में सब कुछ मेरा किया हुआ है
'भूलिएगा मत...', सीएम नीतीश का दावा- बिहार में सब कुछ मेरा किया हुआ है
बिकिनी पहन रीम शेख ने समुंदर किनारे दिए ऐसे-ऐसे पोज, भड़के फैंस बोले- 'जिस्म की नुमाईश कर रही है
बिकिनी पहन रीम शेख ने समुंदर किनारे दिए ऐसे-ऐसे पोज, भड़के फैंस
काटने के बाद भी कैसे जिंदा रहता है केंचुआ? जान लीजिए जवाब
काटने के बाद भी कैसे जिंदा रहता है केंचुआ? जान लीजिए जवाब
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News : Varanasi के कैंट रेलवे स्टेशन की पार्किंग में लगी आग, 200 बाइक जलकर खाकBreaking News : Sambhal जाने पर अड़े नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय | Akhilesh YadavSambhal Clash : संभल जाने से पुलिस ने रोका, पत्रकारों के तीखे सवालों में फंसे माता प्रसाद पांडेय!Breaking News : Sambhal के लिए रवाना हुए सपा सांसद Harendra Singh Malik | Akhilesh Yadav

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'104 साल का हूं, अब तो रिहा कर दो', मर्डर के दोषी की याचिका, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
'104 साल का हूं, अब तो रिहा कर दो', मर्डर के दोषी की याचिका, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
CM Nitish Kumar: 'भूलिएगा मत...', सीएम नीतीश का दावा- बिहार में सब कुछ मेरा किया हुआ है
'भूलिएगा मत...', सीएम नीतीश का दावा- बिहार में सब कुछ मेरा किया हुआ है
बिकिनी पहन रीम शेख ने समुंदर किनारे दिए ऐसे-ऐसे पोज, भड़के फैंस बोले- 'जिस्म की नुमाईश कर रही है
बिकिनी पहन रीम शेख ने समुंदर किनारे दिए ऐसे-ऐसे पोज, भड़के फैंस
काटने के बाद भी कैसे जिंदा रहता है केंचुआ? जान लीजिए जवाब
काटने के बाद भी कैसे जिंदा रहता है केंचुआ? जान लीजिए जवाब
सर्दियों में बढ़ जाती है अस्थमा की प्रॉब्लम? ये 3 आयुर्वेदिक इलाज मरीजों को तुरंत देगा राहत
सर्दियों में बढ़ जाती है अस्थमा की प्रॉब्लम? ये 3 आयुर्वेदिक इलाज मरीजों को तुरंत देगा राहत
क्रिकेट में फिर निकला मैच फिक्सिंग का जिन्न, दक्षिण अफ्रीका के 3 क्रिकेटर गिरफ्तार; पूरा मामला जान उड़ जाएंगे होश
क्रिकेट में फिर निकला मैच फिक्सिंग का जिन्न, दक्षिण अफ्रीका के 3 क्रिकेटर गिरफ्तार
AIIMS Jobs 2024: एम्स में मिलेगी बढ़िया सैलरी वाली जॉब, बिना लिखित परीक्षा होगा चयन
एम्स में मिलेगी बढ़िया सैलरी वाली जॉब, बिना लिखित परीक्षा होगा चयन
'मुसलमान क्या करें, बाहर निकलेंगे तो पुलिस मारेगी', आखिर ये क्यों बोले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद
'मुसलमान क्या करें, बाहर निकलेंगे तो पुलिस मारेगी', आखिर ये क्यों बोले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद
Embed widget