देशभर में स्वाइन फ्लू की मार, आंकड़े जान आप भी हो जाएंगे हैरान!
नई दिल्ली: इस साल भारत में स्वाइन फ्लू बहुत फैला हुआ है. पिछले एक महीने में ही एच1 एन1 इन्फेक्शन के 10,000 से भी अधिक मामले सामने आ चुके हैं.
क्या कहते हैं हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़े- यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में अगस्त 2017 तक एच1 एन1 के 25,864 मामले दर्ज किए गए थे जो कि पिछले साल के मुकाबले 14 गुना ज्यादा हैं. 2016 में केवल 1,786 मामले ही स्वाइन फ्लू के थे.
2016 में जहां 265 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हुई थी वहीं इस साल इससे 4 गुना ज्यादा लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है.
ये राज्य हैं स्वाइन फ्लू से सबसे ज्यादा प्रभावित- महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संख्या में 4,456 मामले और 467 लोगों की स्वाइन फ्लू से मृत्यु की सूचना मिल चुकी है. उसके बाद गुजरात में 4,431 मामले और 329 मौतें हुईं. राजस्थान में तीसरी सबसे बड़ी संख्या है मौतों की जो 80 है और 847 मामले दर्ज किए गए. केरल में 75 मौतों और 1,384 मामलों की सूचना मिली. अन्य प्रभावित राज्यों में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और दिल्ली भी शामिल हैं.
स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर करें ये काम- जिन लोगों को सर्दी-खांसी,बुखार, शरीर में दर्द, बहती नाक और आँखों से पानी आना जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह पर ऑसिलैमवीर की दवा का कोर्स शुरू कीजिये. लक्षणों में स्थापित होने के 48 घंटों के भीतर दवा सबसे ज्यादा प्रभावी है.
मुंबई के डॉ. ओम श्रीवास्तव का कहना है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते ही बिना टेस्ट्स के रिजल्ट का इंतजार किए ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए.
क्या कहना है एक्सपर्ट का- स्वाइन फ्लू के देशभर में फैलने से एक्सपर्ट्स भी काफी चिंतित है क्योंकि एच 1 एन 1 फ्लू आमतौर पर सर्दियों के दौरान बढ़ता है लेकिन इस साल अगस्त में ही इसकी वृद्धि देखी जा रही है.
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि अगस्त में ऐसे चौंकाने वाले आंकड़ों को स्पष्ट रूप से देखे जाने पर अब अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. इतना ही नहीं, निदान और उपचार में देरी घातक साबित हो सकती है.
इन बीमारियों से ग्रसित से स्वाइन फ्लू के मरीज- आंकड़ों में ये भी सामने आया है कि दो-तिहाई मरीज जिनकी स्वाइन फ्लू से मौत हुई उनको डायबिटीज या थायरॉयड जैसी अन्य समस्याएं भी थीं.
इस बीच डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि लोगों को ट्राइवेलेंट इन्फ्लूएंजा का वैक्सीनेशन लेना चाहिए जो इन्फ्लुएंजा टाइप ए, बी और एच 1 एन 1 से बचाता है.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
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