वडोदरा/अहमदाबाद: गुजरात में स्वाइन फ्लू यानि एच1एन1 वायरस से इंफेक्टेड होकर मरनेवालों की संख्या 230 पहुंच चुकी है.
वडोदरा में अस्पताल का निरीक्षण करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए उचित कदम बताने के लिए उन्होंने केंद्र से मेडिकल विशेषज्ञों की एक टीम राज्य में भेजने का आग्रह किया है.
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “रूपाणी ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी के साथ मिलकर संबंधित प्रशासन द्वारा स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी पाने के लिए सूरत, राजकोट, वडोदरा और अहमदाबाद के सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया.
वडोदरा में सियाजीराव जनरल अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान रूपाणी ने बताया, “ स्वाइन फ्लू की वजह से 200 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है और इसके 2,100 पॉजिटिव मामले राज्य में अब तक दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,200 मामले वडोदरा, सूरत, अहमदाबाद और राजकोट के हैं.”
उन्होंने बताया कि राज्य के अस्पताल वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर से लैस हैं और दवाएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. सरकारी अस्पतालों में इसके लिए अलग वार्ड बनाए गए हैं लेकिन इन सारे कदमों के बावजूद भी केंद्र को इस बीमारी के प्रसार को रोकने के तरीके बताने के लिए राज्य में टीम भेजने का आग्रह किया गया है.
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों को स्वाइन फ्लू के मरीजों को टेमीफ्लू दवाई देने की सलाह दी.
रूपाणी ने बताया कि टेमीफ्लू सभी सरकारी अस्पतालों में प्रचुर मात्रा में नि:शुल्क उपलब्ध है. निजी अस्पतालों के मरीजों को भी स्वाइन फ्लू का इलाज मुफ्त में दिया जा रहा है.
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि स्वाइन फ्लू से राज्य में 10 लोगों की मौत हो गई और इसके साथ ही जनवरी से अब तक इस बीमारी से मरनेवालों की संख्या 230 पहुंच गई है. जनवरी से अब तक एन1एच1 वायरस से 2,272 मरीज इंफेक्टेड होकर राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं. उनमें से 857 का इलाज हो चुका है और 1,225 का अभी भी इलाज चल रहा है जबकि 230 लोगों की मौत हो चुकी है.