नयी दिल्ली: दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि स्वाइन फ्लू से राष्ट्रीय राजधानी में 69 लोग प्रभावित हुए हैं लेकिन इस साल इस रोग से किसी की मौत नहीं होने का दावा किया.



हालांकि, एक प्रमुख निजी अस्पताल सर गंगा राम हॉस्पिटल ने स्वाइन फ्लू से जुड़ी चार मौतें दर्ज की हैं.

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी में स्वाइन फ्लू से कोई मौत दर्ज नहीं की गई है, हालांकि इसके 69 मामले दर्ज किए गए हैं.

वहीं, गंगाराम अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में हुई चार मौतें एच 1एन 1 वायरस से जुड़ी थी. इनमें तीन मौतें पिछले महीने हुई थी.

अस्पताल में मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अतुल काकर ने बताया कि अस्पताल में इस रोग के करीब 15 मामले दर्ज किए गए हैं. स्वाइन फ्लू से जिसकी पहली मौत हुई वह ग्वालियर की 65 वर्षीय महिला है. उनकी मौत फरवरी की शुरूआत में हुई है. अन्य तीन रोगी पुरूष थे और वे दिल्ली से थे. 35 वर्षीय व्यक्ति की 17 अप्रैल को मौत हुई. अन्य दो की उम्र 58 और 62 वर्ष है.

केंद्र सरकार संचालित आरएमएल अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि स्वाइन फ्लू से कोई मौत दर्ज नहीं की गई है.

आरएमएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने इस साल अब तक स्वाइन फ्लू के महज पांच मामले दर्ज किए हैं.’’ गौरतलब है कि 31 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा था कि एक जनवरी से 26 मार्च के बीच स्वाइन फ्लू से 160 लोगों की मौत हुई है जबकि 6062 मामले दर्ज किए गए. सर्वाधिक 63 मौतें महाराष्ट्र में दर्ज की गई.


स्वाइन फ्लू से राजस्थान में एक महिला की मौत-

राजस्थान, झालावाड़ के एक अस्पताल में 23 वर्षीय महिला की मौत स्वाइन फ्लू से हो गई. उसे एच1एन1 होने की पुष्टि हुई थी. जिले में स्वाइन फ्लू से हुई यह चौथी मौत है.

कोटा के प्रमुख चिकित्सक और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अनिल कौशिक ने बताया कि महिला की मृत्यु के साथ ही मतृकों की संख्या चार हो गई है. वहीं कोटा डिविजन में अभी तक इस साल 24 लोगों को एच1एन1 होने की पुष्टि हो चुकी है.

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. के. के. शर्मा ने बताया कि इस जिले के मोदक की निवासी प्रवीन को 12 मई को उस समय झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी थी. उसे तेज बुखार, खांसी और जुकाम भी था.

डॉ. शर्मा ने बताया कि महिला ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया था. सोमवार को महिला की एच1एन1 की जांच की गई जिसमें उसे स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई. उसकी मौत सोमवार देर रात एक बजे हुई.

डॉ कौशिक ने कहा, ‘‘गर्मी के इस मौसम में स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामले काफी असामान्य है और इस पर अनुसंधान किए जाने की आवश्यकता है.’’ क्षेत्र में बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों के मद्देनजर एच1एन1 पीड़ितों के रिश्तेदारों को टेमी फ्लू की गोलियां दी गई हैं. डॉक्टर प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण भी कर रहे हैं.