दिल्ली में स्वाइन फ्लू के केसेस लगातार बढ़ रहे हैं. दिल्ली के कुछ हॉस्पिटलों में कोरोना के मामले नहीं आ रहे हैं लेकिन स्वाइन फ्लू के मामले लगातार आ रहे हैं. हालांकि डॉक्टरों की मानें तो इस वायरस से घबराने की या डरने की जरूरत नहीं है. अगर आपको यह बीमारी हो भी जाती है तो समय रहते सही इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है. नॉर्थ इंडिया में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. ठंड से लोगों का हाल बेहाल है सी बीच कोरोना से ज्यादा स्वाइन फ्लू लोगों को परेशान कर रहा है. दरअसल, इन दिनों दिल्ली में लगातार स्वाइन फ्लू के केसेस बढ़ रहे हैं. डाक्टरों का कहना है कि अगर किसी की नाक बह रही है, गले में सूजन, फीवर 101 से ज्यादा, सांस लेने में दिक्कत, थकान, भूख में कमी हो रही है तो बिना समय गवाएं डॉक्टर को दिखाएं. यह स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे लक्षणों वाले कई मरीज आईसीयू में एडमिट है.  डॉक्टर के मुताबिक लोगों को इसे लेकर खास एलर्ट की जरूरत है. अगर समय रहते एच1एन1 का पता चल जाए तो इसका इलाज मुमकिन है. 


कोरोना नहीं स्वाइन फ्लू के बढ़ रहे है मामले


नवभारत टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक इन 10 दिनों में कोरोना का एक केस भी नहीं आया है. वहीं एच1एन1 के केसेस लगातार आ रहे हैं. इसके शुरुआती लक्षण में निमोनिया और लंग्स में पैचेस दिखाई दे रहे हैं. इस सीजन में हर साल ऐसी बीमारियां बढ़ जाती है. लेकिन इस बार यह मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं. बीमार लोगों में बच्चे, बूढ़े, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं सभी उम्र के लोग शामिल है. कुछ मरीज तो आईसीयू में एडमिट है.


साल 2009 में यह बीमारी काफी ज्यादा फैली थी उसके बाद से दिल्ली में हर साल यह बीमारी तेजी से फैलती है. इन महीनों में यह बीमारी काफी एक्टिव हो जाती है. लक्षणों को देखकर लगा रहा है कि कोरोना है. डर से लोग अपना कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं लेकिन एन्फ्लूएंजा आरटीपीसीआर और कोरोना आरटीपीसीआर की जांच में एच1एन1 के संक्रमण की पुष्टि हो रही है.


कोरोना के टेस्ट में स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं


एक्सपर्ट के मुताबिक, बुखार, जुकाम, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ के साथ मरीज अस्पताल आ रहे हैं। उनकी एन्फ्लूएंजा आरटीपीसीआर और कोरोना आरटीपीसीआर की जांच की जा रही है। जिसमें एच1एन1 के संक्रमण की पुष्टि हो रही है।


बाहर निकलते वक्त इन बातों का रखें ख्याल


खांसने और छींकने के दौरान नाक और मुंह पर कपड़ा, मास्क या रुमाल का इस्तेमाल करें


भीड़भाड़ वाले इलाके में खुद को आइसोलेट करें 


2-3 दिनों में अगर फीवर कम न हो तो तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलें. 


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