किसी भी व्यक्ति के शरीर में सूजन हो सकता है और इसके कई कारण भी हो सकते हैं. गर्म या ठंडा किसी भी मौसम में सूजन आम बात है लेकिन 30 की उम्र के बाद अगर आपके शरीर के इन हिस्सों में सूजन रहता है तो फिर थोड़ी परेशानी वाली बात है. आपको इसके समाधान के लिए बिना समय गवाएं डॉक्टर से जरूर एक बार मिलना चाहिए. या इस पर बात करनी चाहिए.
बढ़ती उम्र के कारण
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हमारे शरीर में कई तरह के चेंजेज होते हैं. यह एक नैचुरल प्रोसेस है. इस दौरान मांसपेशियां कम ज्यादा होती है. वहीं दूसरी तरफ कई तरह के हार्मोनल चेंजेज भी होते हैं. इन सब के कारण भी शरीर में सूजन हो सकती है.
30 के बाद सूजन के कारण
फैटी लीवर
बढ़ा हुआ या फैला हुआ पेट, जिसे "पॉट बेली" भी कहा जाता है. फैटी लीवर के सबसे अधिक दिखाई देने वाले लक्षणों में से एक है.
शरीर में ज्यादा पानी होना
उम्र के साथ होने वाले हार्मोनल चेंजेज के कारण किडनी के फंक्शन में थोड़े बदलाव होते हैं. जिसके परिणामस्वरूप हाथ, पैर और टखनों सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन हो सकती है.
नसों में गड़बड़ी
लसीका तंत्र द्रव संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लसीका प्रणाली में उम्र से संबंधित परिवर्तन द्रव निर्माण और सूजन में योगदान कर सकते हैं. खासकर हाथ-पैर में.
ऑस्टियोआर्थराइटिस
ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड गठिया 30 वर्ष की आयु के बाद ज्यादा परेशान करती हैं. जोड़ों में सूजन और तरल पदार्थ जमा होने से सूजन और असुविधा हो सकती है.
दिल से जुड़ी बीमारी
दिल से जुड़ी बीमारी के कारण पैरों और टखनों में सूजन हो सकती है.
हार्मोनल उतार-चढ़ाव
शोध के अनुसार, हार्मोनल परिवर्तन, विशेष रूप से गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान, शरीर में होने वाले बदलाव के कारण पैरों में सूजन हो सकती है.
सूजन
पुरानी सूजन, जो अक्सर मोटापे या अन्य अंतर्निहित स्थितियों से जुड़ी होती है, सूजन में योगदान कर सकती है.
चिकित्सीय सहायता कब लेनी चाहिए
हालांकि कभी-कभार और हल्की सूजन चिंता का कारण नहीं हो सकती है. लेकिन लगातार या गंभीर सूजन को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. सूजन की अवधि, स्थान और संबंधित लक्षणों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.
सूजन जो बिना सुधार के कई दिनों या हफ्तों तक बनी रहती है.
सूजन जो दर्द, कोमलता या गर्मी के साथ होती है.
सूजन जो हमेशा एक जगह पर हो रही है.
सूजन के साथ अन्य लक्षण भी आते हैं जैसे सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या पेशाब में बदलाव.
संतुलित आहार बनाए रखें
अपने शरीर की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, दुबले प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर आहार का सेवन करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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